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CG में Cyber Fraud के 1,301 मामले में ठगों ने ₹107 करोड़ का लगाया चूना, डिप्टी CM का सनसनीखेज खुलासा

CG News: जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी में विकास हो रहा लोगों को तकनीक की लत लगती जा रही है. अब डिजिटल ट्रांजेक्शन जीवन का हिस्सा हो गया है. तो क्राइम का तरीका भी बदल गया है और ठग लोगों को झांसा देकर साइबर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे है. बीते कुछ सालों में साइबर फ्रॉड के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज हुई है. स्थिति ये है कि छत्तीसगढ़ में हर घंटे तीन लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे है या यह भी कह सकते हैं कि हर बीस मिनट में एक व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो जाता है. छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ साल में साइबर अपराध के 1,301 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें पीड़ितों को 107 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने राज्य विधानसभा में यह जानकारी दी. शर्मा ने बताया कि पुलिस इनमें से 107 मामलों में 3.36 करोड़ रुपये बरामद करने में सफल रही है.

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सदन में गूंजा मुद्दा

ऑनलाइन ट्रांजैक्शन जितना आसान है. उससे ज़्यादा लोगों को ऑनलाइन एक्टिविटी में सतर्क रहना जरूरी है. जिस तरह सड़क पर सावधानी हटी वैसे ही ऑनलाइन एक्टिविटी में सतर्कता घटी साइबर फ्रॉड होने की संभावना बढ़ जाती है. साइबर फ्रॉड के बीते कुछ सालों में आए मामले चौंकाने वाले है साथ ही डराने वाले है विधानसभा के सत्र में बीजेपी विधायक सुनील सोनी के सवाल पर जो जवाब आया वो लोगों की चिंता और पुलिस के लिए चुनौती है.

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BJP विधायक सुनील सोनी ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए जनवरी 2024 से जून 2025 तक छत्तीसगढ़ में दर्ज साइबर अपराध के मामलों की संख्या की जानकारी मांगी. उन्होंने यह भी पूछा कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है. सोनी ने कहा कि साइबर अपराध के जरिए हजारों लोगों को ठगा जा रहा है और यहां तक कि कुछ पीड़ित आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं.

शर्मा ने कहा कि जिला स्तर पर भी साइबर प्रकोष्ठ है और कुछ जिलों में साइबर पुलिस थानों की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधों की जांच के दौरान एकत्र डिजिटल साक्ष्यों के परीक्षण के लिए पुलिस मुख्यालय, रायपुर में आधुनिक साइबर उपकरणों से सुसज्जित साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला है.

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शर्मा ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, हाल में साइबर अपराध से निपटने के लिए साइबर कमांडो योजना के अंतर्गत राज्य के एक राजपत्रित अधिकारी और पांच अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है. साइबर अपराध में शामिल सिम कार्ड और आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए जा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि साइबर अपराध को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय और जिला स्तर पर व्यापक जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. पीड़ितों को धन वापसी के प्रयासों के बारे में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि साइबर अपराध के पीड़ितों को तुरंत शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) है.