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24 लीटर पेंट पोतने में लगा 338634 रूपये का खर्च, 443 मजदूर और 215 मिस्त्री, गजब का घोटाला इस स्कूल में

24 लीटर पेंट पोतने में लगा 338634 रूपये का खर्च, 443 मजदूर और 215 मिस्त्री, गजब का घोटाला इस स्कूल में मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग में एक गजब का घोटाला सामने आया है। शहडोल के स्कूल की रंगाई-पुताई व मरम्मत के नाम पर ही घोटाला कर दिया गया। दरअसल, इस बात की पोल सोशल मीडिया पर वायरल बिल से खुली। स्कूल में 24 लीटर पेंट करने में तीन लाख रुपये खर्च करने का बिल पास हुआ है और संबंधित जिम्मेंदारों ने सरकारी राशि को निकालकर इसी हिसाब से खर्च भी कर लिया है।

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ब्यौहारी के शासकीय हाईस्कूल संकदी में घोटाला Scam in Government High School Sankadi of Byawari

ब्यौहारी के शासकीय हाईस्कूल संकदी में घोटाला यह घोटला जिले के ब्यौहारी विकासखंड की शासकीय हाईस्कूल संकदी और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में किया गया है। इंटरनेट मीडिया में बिल प्रसारित होने के बाद कलेक्टर डा. केदार सिंह के संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मारपाची को नोटिस देकर जबाब मांगा है और संबंधित स्कूलों के जिम्मेदारों से राशि वसूली करने के आदेश जारी किए गए है।

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश The collector ordered an inquiry

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश इसी के साथ कलेक्टर ने यह भी आदेश दिया कि जितने स्कूलों में इस तरह मरम्मत व रंगाई-पोताई के नाम राशि खर्च की गई है, सभी की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि हाई स्कूल सक्कन्दी में 4 लीटर आयल पेंट की खरीद की गई थी, जिसकी कीमत 784 बताई गई है (196 रुपये प्रति लीटर), लेकिन इस पेंट को दीवार में लगाने के लिए 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों से काम करना बताया गया, जिसमें उनको मजदूरी का भुगतान 1,06,984 रुपये किया गया है।

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उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी यही कारनामा The same thing happened in higher secondary school as well

उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी यही कारनामा यह खर्च केवल 4 लीटर पेंट लगाने के लिए किया गया है। इसी तरह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया में 20 लीटर पेंट खरीदी की गई और इसकी पोताई के लिए 275 मजदूरों और 150 मिस्त्रियों को लगाया गया, जिनका कुल भुगतान 2,31,650 रुपये किया गया। इस खर्च में खिड़कियों और दरवाजों की रंगाई का भी खर्च शामिल है,जो 20 लीटर पेंट के मुकाबले कहीं अधिक है। उल्लेखनीय है कि इन दोनों मामलों में एक ही ठेकेदार सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया है।खास बात यह है कि दोनों बिल 5 मई 2025 में कटे हैं और इसी आधार पर भुगतान प्राप्त हुआ है। बिलों पर संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर और सरकारी सील भी लगी हुई है, जो कि यह साबित करती है कि शिक्षा विभाग के शिक्षक से लेकर अधिकारी तक इस घोटाले के हिस्सेदार हैं। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मारपाची का कहना है कि ऐसा कैसे हुआ,इसकी जांच कराई जाएगी। वहीं हाईस्कूल सकंदी के प्राचार्य सुग्रीव शुक्ला ने कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।

शहडोल कलेक्टर का आया बयान Statement of Shahdol Collector came

शहडोल कलेक्टर डा.केदार सिंह ने कहा, ‘मुझे जैसे जानकारी लगी तो मैने प्रारंभिक जांच कराया तो अधिक भुगतान पाया गया है।जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस