ChhattisgarhKorbaकोरबा न्यूजछत्तीसगढ

Korba News : हरदी बाजार में महाविद्यालय भवन तोड़े जाने से ग्रामीणों में आक्रोश, खदान बंद करने की चेतावनी

Korba News : कोरबा के हरदी बाजार में एसईसीएल दीपका प्रबंधन द्वारा शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय के भवन के कुछ हिस्सों को बिना सूचना के तोड़े जाने से ग्राम पंचायत और ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने तीन दिन में मांगें पूरी न होने पर खदान का काम रोकने और हड़ताल की चेतावनी दी है।

Vishnu Deo Sai Cabinet Meeting: विष्णुदेव साय ने कैबिनेट मीटिंग में लिए 6 बड़े फैसले

जानकारी के अनुसार, 17 अप्रैल को हरदी बाजार के शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय के मैदान में ग्रामीणों ने आम सभा आयोजित कर इस मुद्दे पर चर्चा की। सरपंच लोकेश्वर सिंह कंवर ने बताया कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन और प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना के महाविद्यालय भवन के हिस्सों को ध्वस्त कर दिया। भू-विस्थापित अजय कुमार दुबे ने कहा कि छात्रों की वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, फिर भी कलिंगा कंपनी ने एसईसीएल के इशारे पर भवन को पूरी तरह तोड़ दिया।
CG BREAKING : बस पलटने से कई यात्री घायल, क्षमता से अधिक बैठे थे सवारी

ग्रामीणों ने 17 बिंदुओं वाला मांग पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने महाविद्यालय को मिनी स्टेडियम में अस्थायी रूप से स्थानांतरण, हरदी बाजार से दीपका बायपास मार्ग पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, ग्राम पंचायत के विभिन्न हिस्सों में बड़े बोर खनन और खदान से निकलने वाले पानी को तालाबों में भरने की व्यवस्था की मांग की है।

मेरठ में नीले ड्रम के बाद अब काला सांप वाला कांड! लवर के साथ बनी पति की किलर

ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि तीन दिनों के भीतर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे हड़ताल करेंगे और खदान का काम बंद कर देंगे। साथ ही, हरदी बाजार का अधिग्रहण रोकने की बात कही। मामले को सुलझाने के लिए तहसीलदार, एसईसीएल दीपका के भू-राजस्व अधिकारी रोशन मेश्राम, सरपंच लोकेश्वर कंवर, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर, समाजसेवी अजय दुबे, पूर्व जनपद सदस्य सभापति मुकेश जायसवाल, श्यामू जायसवाल, नरेश टंडन, अरुण राठौर, रामू जायसवाल, रामशरण कंवर, रमेश अहीर सहित ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई।

ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल की मनमानी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है और गांव के विकास पर असर पड़ा है। यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे खदान के कार्य को पूरी तरह ठप कर देंगे।