
नई दिल्ली : रेलवे बोर्ड ने ग्रुप ‘सी’ पदों पर उन सभी लंबित विभागीय भर्तियों को रद्द कर दिया है, जिन्हें चार मार्च तक अंतिम रूप नहीं दिया गया और अप्रूव भी नहीं किया गया। बोर्ड ने इस कदम को उठाने का कारण चयन प्रक्रिया में ‘अवैधता’ बताई है। बोर्ड के अनुसार, जिन चयन प्रक्रियाओं को 4 मार्च 2025 तक अंतिम रूप से मंजूरी नहीं दी गई थी, उन्हें रद्द माना जाएगा। रेलवे ने रद्द की भर्तियों की डेट और नई भर्ती को लेकर कहा कि अगली सूचना तक कोई नया चयन नहीं किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने यह पत्र सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को भेजा।
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नोटिस में क्या बताए गए कारण?
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को भेजे गए एक सर्कुलर में, बोर्ड ने कहा, “हाल के दिनों में विभागीय चयन में देखी गई कई अनियमितताओं के कारण, विभागीय चयन ढांचे पर फिर से विचार करने का निर्णय लिया गया है और सभी लंबित चयन/एलडीसीई/जीडीसीई (ग्रुप सी के भीतर) जिन्हें चार मार्च तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है और अप्रूव नहीं किया गया है, उन्हें रद्द माना जाए।” आगे कहा, “अगले आदेश तक कोई और चयन शुरू नहीं किया जा सकता है।”
अब सीबीटी मोड में होगी परीक्षाएं
जानकारी दे दें कि रेलवे ये विभागीय परीक्षाएं आमतौर पर सभी रेलवे डिवीजन और जोन के जरिए इंटरनल रूप से आयोजित करता है। हाल ही में, इन परीक्षाओं के दौरान कथित भ्रष्टाचार और नकल कराने की कोशिश संबंधित मामले सामने आए थे। बुधवार को रेलवे ने भर्ती बोर्ड से सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट यानी सीबीटी के माध्यम से आयोजित करने को कहा।
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तो इस कारण कैंसिल हुए एग्जाम?
हाल ही में यूपी के मुगलसराय में पूर्व मध्य रेलवे के 26 रेलवे अधिकारियों को एक विभागीय परीक्षा के पेपर लीक करने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान एजेंसी को 1.17 करोड़ रुपये नकद भी पाए गए थे। इसी को लेकर रेल मंत्रालय ने कहा कि आज बोर्ड ने एक हाई लेवल मीटिंग की है। इस दौरान फैसला लिया गया है कि अब सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं आरआरबी/केंद्रीकृत परीक्षा सीबीटी माध्यम से आयोजित होगी।