Chhattisgarh
2027 के बस्तर चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के चुनाव में यदि पराजित हुए तो सदा के लिए बस्तर को कहेंगे अलविदा ..अशोक लुंकड़
जगदलपुर inn24 (रविंद्र दास) बस्तर चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के बहुचर्चित चुनाव में उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार रहे अशोक लुकड़ ने प्रेस वार्ता आयोजित की, निजी होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स के चुनाव परिणाम और चेंबर में परिवारवाद और कुछ लोगों द्वारा चेंबर को अपनी जागीर बनाने वालों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए, कहा कि चेंबर के पदाधिकारी चेम्बर को कभी अपडेट करने पर विचार नही किया, और ना ही सदस्यों की संख्या बढ़ाने में किसी प्रकार रुचि दिखाई,, बेसक इन्होंने केवल चेंबर मे कैसे अपना एकाधिकार चले और कब्जा बरकरार रहे इसी ध्यान केन्द्रित करते रहे,, केवल पद और चेंबर पर कब्जा जमाने का ही इन लोगों का काम रहा है ,पत्रकार वार्ता के द्वारा आज अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा जिन विषयों और मुद्दों को लेकर उन्होंने चुनाव लड़ा था, भले ही उन्हें कुछ मामूली मतों के अंतर से हार मिली, फिर भी 750 व्यापारियों का समर्थन इनके एकाधिकार को समाप्त करने के लिए पर्याप्त है, संकल्प के मुद्दों पर सदा अमल करने का प्रयास करेंगे,अपने बेबाक बोल पर ताल ठोंक कर कहा कि पूरे बस्तर सहित छग में मेरी हार की चर्चा उनकी जीत से ज्यादा हो रही है,यही मेरी नैतिक जीत दर्शाती है ,मैंने अकेले ही पूर्व अध्यक्षों को लाइन में खड़े होने पर मजबूर किया , उसी क्षण ये मेरी नैतिक विजय हो गई थी, लोगों के दिलों में मैंने जगह बनाई ,
उन्होंने कहा वे अगली बार पूरे पैनल के साथ चुनाव मैदान मे उतरेंगे, 2027 चुनाव मे अवश्य विजय होंगे ,साथ ही ने उन्होंने चैलेंज भी किया कि यदि वे उस दौरान चुनाव में पराजित होंगे तो बस्तर को सदा के लिए छोड़ देंगे ,
श्री लुंकड़ ने कहा कि चेंबर का काला कानून को समाप्त करना ही उनका उद्देश्य रहा है और हमेशा इस पर लगे रहेंगे..,उन्होंने परिवारवाद खासकर एक परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि विगत 25 वर्षों से उस परिवार का सदस्यों का ही चेंबर पर आधिपत्य रहा है और इन लोगों ने
जानबूझकर ऐसी नीति के साथ संविधान निर्माण किया है ताकि कोई बाहरी व्यक्ति बड़े पद पर चुनाव न लड़े ,और इस परिवार एकाधिकार चलता रहे, उन्होंने आगामी रणनीतियों के बारे में भी खुलासा किया उन्होंने कहा कि वे निश्चित तौर पर भी राजनीति में प्रवेश करेंगे,