हमारा समाज को दिया सकारात्मक कर्म लौटकर हमे वापस मिलता है इसलिए समाज को सकारात्मक दे – कापालिक बाबा
परम पूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु के महानिर्वाण दिवस पर अघोर आश्रम पोंडी दल्हा में ग़रीब एव असहाय लोगो निःशुक्ल कंबल वितरण किया गया

INN24 अकलतरा- अघोर पीठ जन सेवा अभेद आश्रम पोड़ी दल्हा में 29 नवम्बर को अघोरेश्वर महाविभूति अवधूत भगवान राम का तीसवां महानिर्वाण दिवस आश्रम के प्रांगण में परम पूज्य कापालिक धर्म रक्षित राम जी के सान्निध्य में तथा बाबा के हजारों शिष्यों एवं भक्तों द्वारा श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर प्रात: लगभग 8 बजे परम पूज्य बाबा जी द्वारा अघोरेश्वर महाप्रभु के चित्र मे पुष्प अर्पित कर पूजन एवं आरती की गयी। आश्रम के भक्तों द्वारा सफलयोनि का पाठ हुआ। तदुपरांत श्रद्धालुगणो द्वारा भी पूजा-अर्चना की गई। इस बीच हवन का कार्यक्रम सम्पन्न किया। प्रसाद वितरण के बाद भत्तों ने पूज्य बाबा का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। अवधूत भगवान राम के महानिर्वाण दिवस पर अघोर आश्रम में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था जहां विशेषज्ञ डाक्टर्स ने अपनी सेवाएं दी। इस पुनीत कार्य में पोड़ी दल्हा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा भी अपना सहयोग प्रदान किया गया साथ ही जिला कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा उपलब्ध कराई गई मेडिकल बस जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा चलाई जा रही हाट बाजार क्लीनिक योजना की मेडिकल बस अपने सारे साजों सामान अर्थात अपने मेडिकल उपकरण तथा दवाइयों सहित पूरे दिन बीमारों को देखती रही और उन्हें दवाइयां और जरूरत अनुसार इंजेक्शन दिए गए। लगभग तीन बजे परम पूज्य कापालिक धर्म रक्षित राम जी बाबा के चरण- कमलों के सान्निध्य में कंबल वितरण का कार्य शुरू किया गया जो 7 बजे तक चलता रहा। इस पुनीत अवसर पर लगभग चार हजार जरूरतमंदों को कंबल वितरण किया गया और आसपास के गांवों से लोगों ने स्वास्थ्य शिविर में लाभ उठाया।
दान में दीनता हो – परम पूज्य कापालिक धर्म रक्षित राम
कापालिक बाबा जी ने अपने प्रवचन में बताया कि जब हम किसी को कुछ नहीं देते हैं तो उसमें लेने वाला ही देने वाले का भाव भी विनम्र होना चाहिए क्योंकि हम सब ईश्वर के माध्यम मात्र है और मानव को देने का दर्प नहीं होना चाहिए। दर्प यानि घमंड बुद्धि का नाश करता है हम इस संसार में ईश्वर द्वारा किसी निहितार्थ भेजे गये है लेकिन हम ईश्वर का निहितार्थ पूरा करने के बजाय अपना समय दूसरों की बुराई में बिताते हैं जिससे हम अपना ही समय नष्ट करते हैं क्योंकि ईश्वर ने जो हमें काम दिया है वो हमें हम चाहे या न चाहे उसे पूरा करना ही होगा और उस काम को पूरा करने हमें फिर जन्म लेना ही होगा और इस तरह हम जन्म और मरण के चक्र में फंसे रह जायेंगे इसलिए यदि इस जीवन-मरण, जरा मृत्यु से मुक्ति पाना है तो हमें अपना वर्तमान धर्म निभाना होगा। अघोर पंथ नहीं है और हमे इसका पंथी न बनकर पथिक बनना है ताकि इस जीवन-मरण से हमें छुटकारा मिले। हम सब अघोरेश्वर महाप्रभु के विचारों के स्मरण के बदले दुनिया के ऐश्र्वर्य में भूलकर प्रभु को विस्मृत कर देते हैं और खुद को संसार के जाल में उलझा लेते हैं और यही हमारी मुक्ति का बाधक तत्व है। अगर हमें उस परमतत्व को जानना है, समझना है तो हमें अपने आंखों के सामने पड़े लालच, वासना, इच्छा का पर्दा हटाकर परम सत्य का दर्शन करना होगा तभी हम इस उस ईश्वर परमात्मा का साक्षात्कार कर पायेंगे। इस अवसर पर अवधूत भगवान राम को खिचड़ी का भोग लगाया गया और श्रद्धालुओं ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।
अंधमूक बधिर शाला परिवार से मिले कापालिक बाबा
कापालिक बाबा जी के दर्शन करने अंधमूक बधिर पाठशाला पामगढ़ से 75 बच्चों सहित स्कूल स्टाफ आया था और उन्होंने भी सभी श्रद्धालुओं की तरह बाबा जी का दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लिया। अंधमूक बधिर पाठशाला के विद्यार्थियों को आश्रम की ओर से कंबल वितरित किया गया। बताया जा रहा है कि प्रतिवर्ष ये विद्यार्थी अपने शिक्षकों के साथ आश्रम आते हैं और कापालिक बाबा उन्हें उनकी जरूरत अनुसार चीजें उपलब्ध कराते हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी सर्व धर्म समभाव की भावना के उद्देश्य से मंदिर-मस्जिद तथा गिरिजाघरों में झाड़ू वितरण गये जिसका संदेश है कि हमें इन धार्मिक स्थलों में जाने अपने मन की बुराइयों और कामनाओं को बुहारना है। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों बलौदा, अकलतरा के मरीजों को फल तथा कंबल वितरण किया गया है।
इस अवसर में हजारों की संख्या में जरूत मंद लोग एवं श्रद्धालु आश्रम में उपस्थित हुवे और सेवा का लाभ लिया साथ ही साथ कीर्तन भजन का कार्यक्रम भी रखा गया जो लगातार 24 घंटे तक लगातार
।।अघोरानाम पारो मंत्रो नास्तित्त्व गुरौ परम।। के नाम से गूंजता रहा सभी लोग परम पूज्य कापालिक बाबा जी के आशीर्वाद से धन्य हुवे और भक्ति एवं कल्याण का मार्ग भी प्राप्त किया।