कोरबा : अनुसूचित जनजाति आयोग ने किया सुनवाई.. भू-अर्जन मामले में तत्वारिक कार्यवाही कर मुआवजा और नौकरी दिए जाने का दिया आदेश.
रिपोर्ट : विकास निर्मलकर

छत्तीसगढ़/कोरबा : छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नीतिन पोटाई ने गुरुवार को एसईसीएल विश्राम गृह में सुनवाई की। उन्होंने उद्योगों द्वारा आदिवासियों की जमीन अधिग्रहित करने का बात कही है लेकिन जमीन के बदले आदिवासियों को नौकरी व मुआवजा नहीं मिल रही है। आयोग ने उद्योग अधिकारियो को भु-स्वामी आदिवासियों को शीघ्र ही नौकरी और मुआवजा देने का निर्देश दिए।
उन्होंने आदिवासी अधिकारी व कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए आयोग की सुनवाई में तेजी लाने की बात कही है। उन्होंने बस्तर में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पिछले दिनों पुलिस ने एक आदिवासी को नक्सली बताकर उसकी हत्या कर दी है वह आदिवासी मछली पकड़ने गया था पुलिस का मुठभेड़ फर्जी था इस बात का स्वीकार सरकार ने भी किया है श्री पोटाई पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे उन्होंने बताया कि आज वे आयोग की सुनवाई में शामिल करने कोरबा आये है। आदिवासी अधिकारी व कर्मचारियों का प्रमोशन का मामला लंबित है। इसका निराकरण करने का आदेश दिया गया है। उन्होने एसईसीएल और जिंदल इंडस्ट्रीज पर आरोप लगाया है कि आदिवासीयो की जमीन ली जा रही है लेकिन बदले में उन्हें नौकरी मुआवजा व बसाहट का लाभ नहीं दिया जा रहा है। आयोग की पहल से आदिवासी मृत अधिकारी के परिजनों को मुआवजा मिली है लेकिन नौकरी अभी तक नहीं मिली है।