कुसमुंडा के नरईबोध हत्याकांड का मुख्य आरोपी था मृतक कैदी.. माँ और बहन के साथ मिलकर नवंबर में दिया था वारदात को अंजाम.
Satya Sahu

पिछले साल नवंबर माह में कुसमुंडा थाने के नरईबोध गांव में एक कुंए में एक अज्ञात युवक की लाश मिली थी. पुलिस ने मामले में हत्या का संदेह जताते हुए तफ़्तीश शुरू कर दी थी. छानबीन में मृतक की शिनाख्त जांजगीर जिले के पंतोरा के रहने वाले महेंद्र प्रताप के तौर पर हुई थी. कड़ियों को जोड़ने पर मालूम हुआ कि मृतक महेंद्र के गांव की एक महिला फूलबाई से अवैध संबंध था. वह अक्सर उससे मिलने नरईबोध आया करता था.
संदेह पर पुलिस ने फूलबाई से पूछताछ की तो वह गुमराह करने की कोशिश करती रही, लेकिन बाद में वह टूट गई. उसने अपने भाई 28 वर्षीय रामकुमार जिसकी आज मौत हुई है और मां 60 वर्षीय गुलाब बाई के साथ महेंद्र की हत्या करना स्वीकार किया था. उसने बताया कि 13 नवंबर काे महेंद्र नशे में उसके घर पहुंचा था. इसके बाद वह संबंध बनाने की कोशिश करने लगा. विरोध करने पर महेंद्र ने उसे पीटा. गुस्से में उसने डंडे से महेंद्र के सिर पर वार किया, जिससे वह जमीन पर गिर गया. आवाज सुनकर उसके भाई और मां पहुंचे. उन्होंने उसके हाथ-पांव पकड़ लिए. रामकुमार सीने पर बैठ गया. फूलबाई ने कपड़े से उसका नाक-मुंह दबा दिया था. दम घुटने से महेंद्र की मौत हो गई थी.
इस मामले को सुलझाते हुए पुलिस ने हत्यारोपी राजकुमार, फूलबाई और उसकी माँ को जेल निरुद्ध कर दिया था. राजकुमार कटघोरा उपजेल में रखा गया था जबकि माँ और बहन कोरबा के जेल में निरुद्ध थे.