Coronavirus Lockdown: 30 अप्रैल तक ही रहता लॉकडाउन लेकिन ऐसी क्या वजह थी जो 3 मई तक लिया गया फैसला.. जानने के लिए पढ़े पूरी खबर.

नई दिल्ली: भारत में हर दिन कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. संपूर्ण लॉकडाउन के बावजूद कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 हजार पार कर गई है. आप को बता दें कि अब तक 339 लोग कोरोनावायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को और 19 दिन के लिए बढ़ा दिया है. पीएम मोदी के इस फैसले के बाद अब देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन रहेगा. इस दौरान न ट्रेनें चलेंगी और न प्लेन. मेट्रो और रोडवेज सेवाएं भी बंद रहेंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी की तरफ से सुझाव आए हैं कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए. सभी के सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि लॉकडाउन को तीन मई तक के लिए बढ़ाया जाए. इस बार नियमों को और सख्त किया गया है. ऐसे में सभी लोग अनुशासन के साथ अपने घर में ही रहें. हालांकि, पहले लॉकडाउन को अगले दो हफ्ते यानी 30 अप्रैल तक बढ़ाने की बात की जा रही थी. ऐसे में सवाल ये है कि लॉकडाउन को 30 अप्रैल के बजाय 3 मई तक क्यों बढ़ाया गया?
सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन की मियाद को 30 अप्रैल की बजाय 3 मई करने का फैसला राज्यों की ओर से आए सुझावों के आधार पर लिया गया है. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया था. दरअसल, एक मई को मजदूर दिवस होता है. 2 और 3 मई को शनिवार-रविवार पड़ जा रहा है. लिहाजा राज्यों ने 30 अप्रैल के बाद अगले तीन दिन तक लॉकडाउन को जारी रखने का सुझाव दिया.
कई राज्यों ने ये तर्क भी दिया है कि कोरोना संक्रमण के लक्षण पूरी तरह से 7 से 14 दिन में समझमें आते हैं. ऐसे में अगर 15 या 16 दिन का ही लॉकडाउन होता, तो लक्षण स्पष्ट नहीं आते. इसलिए इनमें 3 दिन और जोड़ दिए गए. यानी कुल मिलाकर 19 दिन हुए. अगर कोई कोरोना से संक्रमित होता भी है, तो भी इतने समय के अंदर उसके लक्षण सामने आ जाएंगे.