रामायण में सीता हरण देख भावुक हुए ‘रावण’, हाथ जोड़ते आए नजर..देखे वीडियो.

INN24:इन दिनों 80 के दशक का सबसे चर्चित पौराणिक सीरियल रामायण काफी चर्चा में हैं। रामानंद सागर द्वारा निर्देशित ये सीरियल लॉकडाउन के बीच दोबारा दूरदर्शन पर शुरू हुआ है। इस सीरियल को दर्शकों का अभी भी उतना ही प्यार मिल रहा है जितना कि इसको अपने पहले प्रसारण पर मिला था। वहीं इस सीरियल के सभी कलाकार भी अब एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं।
So touching. 84 year old veteran #ArvindTrivedi ji watched his #Ravana role after 30 years & seeks forgiveness from others in the room! 🙏 Hindu samskaras. 🙏 pic.twitter.com/37QDygvT0y
— Ratan Sharda 🇮🇳 (@RatanSharda55) April 12, 2020
इन दिनों रामायण सीरियल में रावण का किरदार करने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह रामानंद सागर के रामायण सीरियल को टीवी पर देखते नजर आ रहे हैं। वीडियो में अरविंद त्रिवेदी रामायण के उस सीन को देखकर काफी भावुक हो जाते हैं जब रावण सीता हरण करता है। इतना ही नहीं अरविंद त्रिवेदी सीता को देखकर हाथ जोड़ लेते हैं।
दरअसल अरविंद त्रिवेदी टीवी में जब सीता हरण प्रसंग को देख रहे होते हैं तो उसमें सीता को रोता देख वह भी भावुक हो जाते हैं और अपने हाथ जोड़ लेते हैं। सोशल मीडिया पर अरविंद त्रिवेदी का ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है। रामायण सीरियल में सीता का किरदार अभिनेत्री दीपिका चिखलिया ने निभाया था। वहीं इससे पहले भी एक वीडियो में अरविंद त्रिवेदी रामायण सीरियल को लेकर अपनी भावुकता बयां कर चुके हैं।
गौरतलब है कि रामायण सीरियल में अरविंद त्रिवेदी के रावण किरदार को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें इस सीरियल में रावण का रोल कैसे मिला। अरविंद त्रिवेदी इस रोल से जुड़ा किस्सा साझा करते हुए कहा था, ‘मेरी इच्छा सीरियल में केवट का रोल करने की थी। इसलिए मैंने रामानंद सागर से इस किरदार को करने की गुजारिश की थी। वो इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट पढ़ने को कहा। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी। इसके बाद थोड़ी देर के लिए सन्नाटा पसर गया।
अरविंद त्रिवेदी ने आगे कहा कि, जब मैं स्क्रिप्ट वापस देकर जाने लगा तो रामानंद सागर ने रोककर बोला कि उन्हें अपना लंकेश मिल गया। उनकी इस बात को सुनकर मैं हैरान हो गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि मैंने कोई डायलॉग ही नहीं पढ़ा था।? जब मैंने रामानंद सागर से कहा कि मैंने कोई डायलॉग ही नहीं पढ़ा। जवाब में उन्होंने कहा- ‘वो मेरी चाल ढाल देखकर समझ गए थे कि वही उनके रावण बनने योग्य है। उन्हें रामायण के लिए ऐसा रावण चाहिए जिसमें बुद्धि-बल हो और मुख पर तेज हो।’