कोरबा – झाड़ियों में रोता बिलखता मिला नवजात शिशु, सूचना पर पहुंची पुलिस ने दिया मानवता का परिचय, बचाई जान
राजू सैनी
कोरबा – झाड़ियों में रोता बिलखता मिला नवजात शिशु, सूचना पर पहुंची पुलिस ने दिया मानवता का परिचय, बचाई जान
आज एक ओर जहां हमारा छत्तीसगढ़ प्रदेश राज्य की स्थापना दिवस पूरे हर्षौल्लास के साथ मना रहा है वहीं इस बीच कोरबा जिले में मानवता को शर्मशार करने वाली खबर निकल कर सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार बांकी मोंगरा थाना क्षेत्र के ग्राम कसरेंगा में झाड़ियों में एक नवजात शिशु रोता बिलखता मिला। बताया जा रहा है कि ग्रामीण नरेन्द्र यादव की बाड़ी में झाड़ियों के बीच में एक बच्चे की रोने की आवाज आ रही थी, नरेन्द्र यादव की मां ने इस आवाज को सुना, उन्होंने बेटे नरेंद्र को इसकी जानकारी दी, नरेंद्र को पहले लगा की कुत्ते ने बच्चा दिया होगा जिसके रोने की आवाज होगी, परंतु लगातार आवाज आने पर पास जाकर देखा तो वे स्तब्ध रह गया, वह इंसानी नवजात शिशु था,नरेन्द्र के द्वारा गांव के सरपंच शिव गणेश को सूचना दी गई। सरपंच ने बाकी मोगरा पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद बाकी मोगरा पुलिस बिना समय गंवाए तत्काल मौके पर पहुंची,और नुकीली झाड़ियों में फंसे नवजात शिशु को बड़े ही एतिहात के साथ बाहर निकाला और साफ कपड़े में लपेटते हुए शिशु को गोद में रखकर कटघोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहाँ डॉक्टर की टीम के द्वारा नवजात शिशु का से उपचार किया किया गया। कटघोरा BMO रंजना तिर्की ने बतलाया की उक्त शिशु को प्राथमिक उपचार के बाद जिला मेडिकल कालेज रेफर किया जा रहा है l देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है की लोक लाज की डर से निर्मोही माँ ने नवजात शिशु को फेक दिया है। आपको बता दे कुछ माह पूर्व सर्वमंगला पुल के कास भी नदी किनारे इसी तरह से नवजात शिशु को नदी किनारे छोड़ दिया गया था। निश्चित रूप से समाज में इस तरह की घटनाएं झकझोर देने वाली है, यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि ऐसा कर इंसान अपनी करतूत की सजा जन्मे शिशुओं को दे रहा है।





