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इंटक यूनियन पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, संपत शुक्ला,रमेश चंद्र मिश्रा और ए के अंसारी की बड़ी जीत

सतपाल सिंह

इंटक यूनियन पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, संपत शुक्ला,रमेश चंद्र मिश्रा और ए के अंसारी की बड़ी जीत

श्री बालाजी ऑटो सेंटर कुसमुंडा

कोरबा – कांग्रेस से संबंध रखने वाले श्रमिक संगठन इंटक में लंबे समय से संपत शुक्ला और गोपाल नारायण सिंह के मध्य वर्चस्व की लड़ाई अदालत में लड़ी जा रही थी। संपत शुक्ला ने गोपाल नारायण सिंह के ऊपर संगठन के चंदा का दुरुपयोग करने सहित अन्य कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाते हुए संगठन की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासन कर दिया था वहीं दूसरी ओर गोपाल नारायण सिंह ने भी आमसभा बुलाकर संपत शुक्ला, रमेश चंद्र मिश्रा और अब्दुल कलाम अंसारी को संगठन की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासन करते हुए बाहर का रास्ता दिखाया था। इस प्रकार के सत्ता पलट होने के उपरांत केंद्रीय अध्यक्ष संपत शुक्ला को संगठन से बाहर करने का षड्यंत्र जिस प्रकार से रचा गया था यह सब देखकर संगठन की निष्ठावान कार्यकर्ता काफी आहत हुए थे। यह सब काफी समय से चला आ रहा था। आरोप है कि गोपाल नारायण सिंह का गुट रजिस्ट्रार छत्तीसगढ़ रायपुर के द्वारा 4 दिसंबर 2024 को अपने पक्ष में हुए आदेश का जमकर फायदा उठा रहे थे। संगठन की सदस्यता शुल्क व हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ संपत शुक्ला ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में डब्लूपीएल 63-2025 लगाते हुए दस्तक दिए थे जिसकी सुनवाई उच्च न्यायालय में विगत 8 महीने से चल रही थी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय राकेश मोहन पांडे के द्वारा संपत शुक्ला की अपील पर छत्तीसगढ़ के श्रम संगठनों के रजिस्ट्रार, रायपुर के द्वारा 4 दिसंबर 2024 को गोपाल नारायण सिंह के पक्ष में जो आदेश दिया गया था उसे निरस्त और शून्य घोषित कर दिया गया है। यह आदेश दिनांक 04 सितंबर 2025 को जारी की गई है।

इस पर संपत शुक्ला का कहना है कि गोपाल नारायण सिंह के द्वारा नियुक्त किए गए सारी कमिटी अवैध मान्य करते हुए निरस्त किया जाएगा और एसईसीएल स्तर पर नए कमिटियों का गठन किया जाएगा।