10 km तक जलती हुई दौड़ी रतलाम-इंदौर डेमू ट्रेन:पहले इंजन, फिर बोगी में लगी आग; स्टेशन पर रुकते ही हड़बड़ी में उतरे सभी यात्री

तलाम से इंदौर जा रही डेमू ट्रेन में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। रतलाम-अंबेडकर नगर डेमू ट्रेन (09390) में चलते समय आग लगी। ट्रेन इसी हालत में करीब 10 किलोमीटर चलती रही, फिर आगे जाकर रुकी। आग ड्राइविंग मोटर कोच (इंजन) में लगी थी। लपटों ने बगल की बोगी को भी जलाकर कबाड़ कर दिया। समय रहते यात्री ट्रेन से उतर गए। सभी सुरक्षित हैं।

डेमू ट्रेन रतलाम से सुबह 6.35 बजे डॉ. अंबेडकर नगर के लिए रवाना हुई थी। रतलाम से 17 किलोमीटर दूर नौगांवा स्टेशन है। यहां से क्रॉस होकर ट्रेन 4 से 5 किलोमीटर आगे बढ़ी ही होगी, तभी ड्राइविंग मोटर कोच के जनरेटर से चिंगारियां उठती देखी गईं। ट्रेन में यह कोच यात्री बोगियों के बीच में लगा हुआ था। इस कोच में एक लोको पायलट भी था।

हवा के कारण आग तेजी से फैलते हुए बगल वाली बोगी तक फैल गई। इंजन से उठती लपटें देख बगल वाली बोगी के यात्री घबरा गए। उन्होंने चेन पुलिंग करने की कोशिश की, लेकिन इतने में सुबह करीब 7 बजे ट्रेन प्रीतम नगर स्टेशन पर आकर ठहर गई। नौगांवा से प्रीतम नगर की दूरी 17 किलोमीटर है।

ट्रेन रुकते ही यात्री दौड़ते-कूदते हुए स्टेशन पर उतरे। अब तक आग इंजन से लगी बोगी को भी चपेट में ले चुकी थी। सुबह 7.50 बजे फायर ब्रिगेड टीम भी मौके पहुंच गई। 8.10 बजे आग पर काबू पा लिया गया। ड्राइविंग मोटर कोच और एक बोगी पूरी तरह जल गई। ड्राइविंग मोटर कोच के आधे हिस्से में इंजन और आधे हिस्से में यात्रियों के लिए बोगी अटैच होती है। रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा के अनुसार, आग ट्रेन के ड्राइविंग मोटर कोच के जनरेटर में लगी थी, इसके बाद बोगी तक फैल गई।

ट्रेन में आग लगने के बाद यात्रियों के लिए दूसरी ट्रेन का इंतजाम नहीं हो पाया। ऐसे में कई यात्री पैदल ही निकल पड़े और प्रीतम नगर रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर दूर फोरलेन पर स्थित रत्तागिरी पर बस और दूसरे साधन पकड़ने पहुंचे। इंजन से अटैच बोगी में 20 से 25, जबकि दूसरी बोगी में 40 से 50 यात्री थे।

घटना की सूचना मिलने पर रेलवे के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। रेलवे प्रशासन ने ट्रेन को प्रीतम नगर से वापस नौगांवा रेलवे स्टेशन भेजा। नौगांवा में जली हुई बोगी और इंजन को ट्रेन से हटाया गय, इसके बाद ट्रेन इंदौर के लिए रवाना की गई। दरअसल, प्रीतम नगर में दूसरा रेल ट्रैक नहीं था, ऐसे में ट्रेन को नौगांवा भेजना पड़ा।

ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने बताया कि नौगांवा के स्टेशन से गुजरते ही ट्रेन में आग लग गई थी। चेन पुलिंग की कोशिश की। इतने में ट्रेन प्रीतम नगर में आकर रुक गई। हमने ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड को परेशान होते देखा तो उनकी बोगियां अलग करने में मदद की। प्रीतम नगर में ट्रेन सुबह 7 बजे आकर 10 बजे तक खड़ी रही। यहां खाने-पीने का इंतजाम नहीं था। करीबी गांव के लोग यात्रियों के लिए पानी लेकर पहुंचे। यात्रियों को हाईवे तक पहुंचाने में भी ग्रामीणों ने मदद की।

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