
१० घंटे तक कुसमुंडा जीएम कार्यालय का किया गया घेराव, प्रबंधन ने शासकीय कार्य में बाधा का लगाया आरोप……
भू विस्थापित गोपाल-फिरतू दास को श्रद्धांजलि अर्पित कर कुसमुंडा कार्यालय का घेराव किया भू विस्थापितों ने, घेराव के दौरान तीन बार कानूनी कार्रवाई के नोटिस के बाद भी 10 घंटे चला घेराव, लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण,बसावट,जमीन वापसी की मांगो के साथ भू विस्थापितों ने संघर्ष को तेज करने का लिया संकल्प….
कोरबा – छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित संगठन द्वारा नरईबोध गोलीकांड की 26 वीं बरसी के अवसर पर आज 11 अगस्त को एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने गोपाल एवं फिरतु दास को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण,बसावट,प्रत्येक खातेदारों को रोजगार एवं भू विस्थापितों की अन्य मूलभुत मांगो को लेकर संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ कुसमुंडा कार्यालय का घेराव किया गया ।
छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्कालनिराकरण,बसावट एवं प्रभावित गांव में मूलभुत सुविधा उपलब्ध कराने के साथ 11 सूत्रीय मांग को लेकर बिलासपुर के अधिकारियों को सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंप कर 10 दिनों में सकारात्मक पहल करने की मांग की गई थी लेकिन सीएमडी द्वारा कोई पहल अभी तक नहीं होने से भू विस्थापितों में एसईसीएल के प्रति काफी आक्रोश है। किसान सभा लगातार भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर आंदोलनरत है।किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा कि भू विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं अब अपने अधिकार को छिन कर लेने का समय आ गया है। विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था।कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की किसी सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय ही नहीं है।विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्सा को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले सभी खातेदारों को स्थाई रोजगार देना होगा।भू विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। उल्लेखनीय है कि 31अक्टूबर 2021 को लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र में 12 घंटे खदान जाम करने के बाद एसईसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के किसान 648 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं। इस आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ किसान सभा शुरू से ही उनके साथ खड़ी है।
किसान सभा के नेताओं ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है। खमहरिया के किसान 40 वर्षों से जिस जमीन पर खेती किसानी कर रहे है उसे प्रबंधन प्रशासन का सहारा लेकर किसानों से जबरन छीनना चाह रही है जिसका किसान सभा विरोध करती है और उन जमीनों को किसानों को वापस करने की मांग करती है। किसान सभा भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर उग्र आंदोलन की तैयारी कर रही है सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में जिले के सभी उद्योगों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों को एकजुट कर उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव,रघु यादव, ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। प्रमुख मांग – वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलो का जल्द से जल्द निराकरण किया जाये और अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण का निराकरण कर जिनकी भी जमीन अधिग्रहण की गई है उन्हे बिना शर्त रोजगार प्रदान किया जाए।खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी करायी जाये | कोरबा एवं कुसमुंडा क्षेत्र में अर्जित जमीन मूल खातेदारों को वापस किया जाए और जरूरत होने पर पुन: अर्जन की प्रक्रिया पूरा कर पुनर्वास नीति के अनुसार भू विस्थापितों को लाभ दिलाया जाए। अर्जित गाँव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल की सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था किया जाये ।आउट सोर्सिंग कार्यों में भू विस्थापितों एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए।महिलाओं को स्व रोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए।पुनर्वास गांव में काबिज भू विस्थापितों को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाए।पुनर्वास एवं सभी बसावट गांव को पूर्ण विकसित माडल गांव बनाने और सभी मूलभूत सुविधाएं पानी बिजली निःशुल्क उपलब्ध कराया जाये। प्रेस विज्ञप्ति – प्रशांत झा(जिला सचिव छत्तीसगढ़ किसान सभा)