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हैकर्स इस तरह चोरी कर लेते हैं आपका Data, बचने का ये है स्टेप बाई स्टेप प्रोसेस

डिजिटाइजेशन का दौर है, ऐसे में हैकर की नजर से डेटा बचाना एक बहुत ही बड़ी चुनौती है. थर्ड पार्टी ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स समेत कई वेबसाइट्स के जरिए यूजर्स का निजी डेटा लीक हो जाता है. ऐसे में कुछ सवाल हैं जिन्हें जानना बेहद जरूरी है, जैसे कि हैकर्स किस तरह से आपका Data चुराते हैं? और आखिर हैकर की नजर से डेटा को चोरी होने से किस तरह से बचाया जाए?

मालवेयर और अनजान लिंक के जरिए हैकर्स चुराते हैं डेटा
  • हैकर्स अलग-अलग ऑफर्स के जरिए यूजर्स को लुभाते हैं और क्लिक करने के लिए मजूबर करते हैं. यूजर्स हैकर्स द्वारा फैलाए गए इस जाल में बस एक क्लिक कर फंस जाते हैं. क्योंकि अनजान लिंक में मालवेयर या फिर आसान भाषा में कहें तो खतरनाक वायरस छुपा हो सकता है जो आपके बैंकिंग डीटेल्स समेत अन्य निजी जानकारी को चुरा सकता है.
  • भूलकर भी ऐसी वेबसाइट पर ना जाए जो साइट सिक्योर ना हो.
  • इमेल अटैचमेंट में मालवेयर के जरिए डेटा चोरी
  • किसी भी अनजान लिंक के जरिए कोई भी सॉफ्टवेयर या फिर ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाए तो अलर्ट हो जाएं.

Data Theft से खुद को कैसे बचाएं?

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन सिक्योरिटी की एक एक्स्ट्रा लेयर है जो अकाउंट पर लगाई जाती है. यूजर्स की प्राइवेसी और डेटा को हैकर्स से बचाने के लिए Gmail, Facebook और Twitter समेत कई अन्य वेबसाइट्स और ऐप्स टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन फीचर ऑफर करते हैं.

अगर आपने टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन फीचर को इनेबल किया है तो आपका पासवर्ड अगर किसी को पता भी चल गया है तो भी कोई आपका अकाउंट एक्सेस नहीं कर पाएगा. ऐसा इसीलिए क्योंकि पासवर्ड डालने के बाद किसी भी ऐप या फिर वेबसाइट्स में अकाउंट लॉग-इन करने के लिए आपके ओटीपी डाले या फिर आपके ऑथेंटिकेशन को अप्रूव किए अकाउंट लॉग-इन नहीं कर पाएगा.

पब्लिक कंप्यूटर से भी डेटा में सेंध

अगर आप भी पब्लिक कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि कंप्यूटर में मौजूद वायरस आपके डेटा में सेंध लगा सकता है. ऐसे में कभी भी दूसरे व्यक्ति के कंप्यूटर या लैपटॉप पर अपनी निजी डीटेल्स या फाइल्स को ना छोड़ें.

एंटीवायरस और वायरवॉल

हैकर से डेटा को सुरक्षित रखने के लिए अपने लैपटॉप या फिर कंप्यूटर में एंटीवायरस और वायरवॉल को इंस्टॉल और अपडेट रखें जिससे कि आपका डेटा सेफ रहे.

ईमेल खोलने से पहले इस बात का रखें ध्यान

हर दिन ना जाने कितने ही ईमेल रिसीव होते हैं और इसमें से ज्यादातर ईमेल अनजान लोगों से मिलते हैं. कुछ ईमेल में अटैचमैंट भी होती हैं, ऐसे में इनमें से किसी भी अटैचमेंट में वायरस का खतरा भी हो सकता है. ऐसे में यही सलाह दी जाती है कि किसी भी ईमेल को खोलने या फिर अटैचमेंट को खोलने से पहले वायरस के खतरे को भी ज़ेहन में रखें और यदि किसी ईमेल में आपको वायरस का शक है तो उस ईमेल को स्पैम मार्क कर दें.

फ्री का चक्कर पड़ ना जाए भारी

अक्सर ऐसा देखा गया है कि अगर कोई ऐप फोन में दिए गए ट्रस्टेड ऐप स्टोर पर नहीं मिलता है तो लोग गूगल से APK File डाउनलोड कर फोन में इंस्टॉल कर लेते हैं लेकिन ऐसा करना ना केवल फोन के लिए खतरनाक है बल्कि इस एपीके फाइल में मौजूद मालवेयर आपका डेटा को भी चोरी कर सकता है.

66.9 करोड़ लोगों का डेटा हुआ चोरी

हैदराबाद के साइबराबाद पुलिस ने हाल ही में सबसे बड़े डेटा चोरी के मामले का भंडाफोड़ किया, इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. बता दें कि इस शख्स पर 66.9 करोड़ लोगों के डेटा चोरी करने का आरोप है, आप भी अगर इस मामले की अधिक जानकारी चाहते हैं तो यहां क्लिक कर पूरी खबर पढ़ सकते हैं.

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