
स्विफ्ट डिजायर फर्जी नामांतरण मामले में अब तक अधिकारी मौन एजेंट संतोष राठौर की कार्यालय में सक्रियता बढ़ी
कोरबा : जिला परिवहन कार्यालय में एजेंट द्वारा बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सभी कार्य को निरंतर अंजाम दे रहे है भ्रष्टाचार के अनेकों मामले उजागर होने के बाद भी परिवहन अधिकारी का बयान न आना कहीं न कहीं एजेंट प्रथा को मौन स्वीकृति एवं बढ़ावा दे रहा है स्विफ्ट डिजायर फर्जी नामांतरण मामले में संतोष राठौर के कार्य को पूर्णता संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है पर इन सब घटनाओं के बाद भी उसकी सक्रियता कार्यालय में देखते ही बनती है।
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
सरकारी कंप्यूटर पर बैठकर अपने काम को अंजाम देते संतोष राठौर को देखा जा सकता है और इतने बड़े मामले के खुलासे के बाद भी आज दिनांक तक उसकी सक्रियता जिला परिवहन कार्यालय में देखते ही बनती है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनका रिश्ता बहुत पुराना और मजबूत है इसलिए इनपर आरोप लगने के बाद भी कार्यालय में प्रवेश वर्जित नही है पूर्व में अगर किसी एजेंट की कार्यप्रणाली पर आरोप लगे है तो उसपर सख्ती दिखाते और अधिकारी इन शार्ट कट विरोध करते हुए उसे परिवहन कार्यालय में प्रवेश नही दिया जाता था पर एजेंट संतोष राठौर शायद कुछ खास जगह रखते है।
देखना होगा कि विभाग इस पर कब संज्ञान लेगा और उचित कार्यवाही करेगा।