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सेजेस हसौद के अस्थाई प्राचार्य के खिलाफ जिलाधीश से हुई शिकायत

मनमानी से तंग आकर प्रभारी प्राचार्य को हटाने शिक्षक हुए लामबद्ध

जिला ब्यूरो सक्ती- महेन्द्र कर्ष 

हसौद – स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी हिंदी माध्यम विद्यालय के अस्थाई प्राचार्य गिरधारी नारायण साहू के खिलाफ विद्यालय के शिक्षकों ने माननीय कलेक्टर महोदय सक्ति जिला शिक्षा अधिकारी तथा शाला विकास प्रबंध समिति के अध्यक्ष को शिकायत पत्र सौंपकर योग्य प्राचार्य की नियुक्ति करने हेतु ज्ञापन दिया है। ज्ञात हो कि वरिष्ठ शिक्षकों के रहते निचले क्रम के अनुभवहीन संस्कृत के व्याख्याता श्री साहू तत्कालीन डीईओ ने अस्थाई प्रभारी प्राचार्य का पद सौंपा जबकि उनसे वरिष्ठ शिक्षक भी इस विद्यालय में है उन्हें प्राचार्य नहीं बनाया गया। पद का दुरुपयोग करते हुए उनका काम आदेश पर आदेश देना ही है जो कि कभी कभी नीतिगत भी नहीं रहता। जैसे कि कुछ दिनों से 1 मई तक विद्यालय का समय सुबह सात बजे से एक पाली में संचालित किया जा रहा था अचानकल शिक्षकों को परेशान करने की नियत से कल 2 मई को अचानक आदेश दे दिया गया कि अब विद्यालय दो पाली में संचालित होगा। इसी दिन बिना सूचना दिए तथा बिना प्रभार दिए अपने साथ एक संविदा कर्मी को साथ में लेकर एक महिला परिचारक के भरोसे विद्यालय को छोड़कर कलेक्टर कार्यालय सक्ति चले गए यदि विद्यालय में कोई भी अप्रिय घटना घटती तो इसका जिम्मेदार कौन होता कुर्सी के मद मोह में चूर प्राचार्य पद का दुरुपयोग करने में कहीं भी नहीं चूक रहे है प्रभारी प्राचार्य से किसी भी समस्या या अन्य कारणों से वार्तालाप करने पर वो सहज रूप से न बात सुनते है न जवाब देते है अपने साथ एक ही संविदा शिक्षक को डीईओ कार्यालय लेकर जाना सीसी टीवी कैमरे का पासवर्ड हो या कंप्यूटर का संविदा शिक्षक अपने पास रखता है तथा विधालय की सभी गतिविधियों तथा महिला स्टाफ, बच्चे बच्चियों के पर्सनल गतिविधियों पर भी निगरानी करता है पांचवीं आठवी की परीक्षा में उस व्याख्याता को नोडल अधिकारी की तरह कार्य करता रहा यह भी वैधानिक नहीं है।

प्राचार्य ने महिला कर्मचारी के साथ भी अभद्र व्यवहार किया जिससे महिला कर्मचारी मानसिक रूप से आहत हुई है प्राचार्य का ऐसा कृत्य अशोभनीय है। गत वर्ष पालकों से एडमिशन के बदले राशि प्राप्त कर चौरा निर्माण गार्डन व शेड निर्माण किया गया है ऐसी भी जानकारी प्राप्त हुई है वित्तीय लेन देन में भी खामियां है जिसकी जांच होना अत्यंत आवश्यक है इसी वर्ष दुर्भावनावश एक शिक्षक की वेतन को इस लिए काटा गया की उसका आकस्मिक अवकाश अधिक हो गया है जबकि वेतन कटौती में सूचना, बैठक या उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर किया जा सकता था। अपने प्रिय शिक्षक को ही हर संभव लाभ दिया गया अन्य शिक्षकों को उपेक्षित किया गया। विद्यालय में बने विभिन्न समितियों में एक समिति स्थापना समिति होती है जिसमें प्राचार्य ने संविदा शिक्षक को स्थान दिया जो कि अनुचित है। एक संविदा शिक्षक को अपना सिपहसालार बनाकर विद्यालय के हर गोपनीय कार्य उस शिक्षक से करवाया गया है जिससे जूनियर अंग्रेजी का व्याख्याता संविदा शिक्षक ने स्वयं को प्राचार्य समझते हुए शासकीय कार्य का दुरुपयोग किया है साथ ही जबकि अपने शिक्षकीय कर्तव्यों तटस्थ रख कर उन्होंने शिक्षण कार्य में लापरवाही की है इतना ही नहीं वर्ष भर कक्षा को छोड़कर कभी सक्ति कभी बिलासपुर कभी रायपुर कभी कलेक्टर ऑफिस में कार्य कर किया हूं कहकर उपस्थिति रजिस्टर में ओडी ऑन ड्यूटी का लाभ लिया जबकि विद्यालय में सहायक ग्रेड कर्मचारियों की नियुक्ति है इनका भी काम संविदा शिक्षक इस लिए कर रहा है कि उन कर्मचारियों को स्वयं तथा प्राचार्य की गड़बड़ियों का पता न चल सके साथ ही विद्यालय का सील अलमारियों का चाबी भी अपने पास रखता है सीसी टीवी कैमरे का फुटेज स्वयं के मोबाइल से देखना सब के प्रायवेशी को भंग करना खास कर महिला कर्मचारियों का क्योंकि कैमरा स्टाफ रुम में भी लगा है।

इतना ही नहीं शिक्षा विभाग के पोर्टल का कार्य अपने मन से करता है जैसे कि मूल्यांकन कार्य में नाम भेजना हो या अन्य इस वर्ष गत वर्ष वह शिक्षक मूल्यांकन कार्य करने सक्ति गया परन्तु इस वर्ष वह पोर्टल से स्वयं का नाम डिलीट कर दिया किसके कहने पर उसने ऐसा कृत्य किया आर टी ई का मामला हो या अन्य कार्य प्राचार्य की जगह वह स्वयं उसे देखकर स्वयं प्राचार्य के हैसियत से साइन कर संबंधित को भेज देता है उक्त दिवस के प्रभारी प्राचार्य के होने के बावजूद जबकि अनुभवी वरिष्ठ शिक्षक ही विद्यालय में है यदि प्राचार्य से वह कार्य नहीं हो

पा रहा तो प्राचार्य अनुभवी शिक्षक से मार्गदर्शन न लेकर एक संविदा कर्मी से सलाह लेकर कार्य करता है।वह शिक्षक अपने सहकर्मियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित और उपेक्षित करता रहता है। लाटरी सिस्टम एडमिशन के दौरान अंग्रेजी व्याख्याता संविदा कर्मी विशेष भूमिका में रहता जिससे भ्रष्टाचार होने की आशंका रहती है

वर्तमान प्रभारी प्राचार्य यदि किसी कार्य से विद्यालय में उपस्थित नहीं रहते है तो अंग्रेजी के संविदा व्याख्याता स्वयंभू प्राचार्य बन कर शासकीय गोपनीय दस्तावेजों पर स्वयं का हस्ताक्षर कर देते है क्योंकि विद्यालय की गोपनीय दस्तावेज अलमारी की चाबी के साथ सील भी वह साथ रखता है यह सब किसके शह में हो रहा है। 21 फरवरी को प्राचार्य किसी कारण से विद्यालय में उपस्थित नहीं थे और प्रभार में एक वरिष्ठ महिला शिक्षिका उपस्थित थी उस दौरान एक आर टी आई डीईओ कार्यालय से आया हुआ था उसका जवाब बनाकर उस संविदा शिक्षक ने प्राचार्य की जगह स्वयं हस्ताक्षर कर स्पीड पोस्ट करवा दिया जबकि प्रभारी को इसकी जानकारी ही नहीं है। इसी तरह विद्यालय का कंप्यूटर रिपेयरिंग हो या अन्य कार्य ओडी लेकर अपने निवास क्षेत्र जाकर रिपेयर करवाना जबकि इस कार्य के लिए अन्य शिक्षक या सहायक ग्रेड को भी दायित्व सौंपा जा सकता था। विद्यार्थियों से दोस्ताना माहौल बनाकर उद्दंडता हेतु प्रेरित करना जिससे विद्यार्थी विद्यालय में फेयरवेल पार्टी न मनाकर विद्यालय के बाहर फेयरवेल मनाया जिसे स्थानीय निवासियों ने देखा भी और उन्हें ऐसा न करने की सलाह देते हुए विद्यार्थियों को समझाया। जिसकी वीडियो भी वायरल हुई थी। स्वयं को असहाय महसूस करते हुए शिक्षकों ने कलेक्टर महोदय तथा उच्च अधिकारियों से आग्रह निवेदन के साथ मांग की है कि अस्थाई प्रभारी प्राचार्य को पद से हटाकर योग्य प्राचार्य की नियुक्ति कर विद्यालय के हितों की रक्षा करने तथा विद्यालय को व्यवस्थित करने की भी मांग की है।

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