संविधान बदलने 400 पार सीटें चाहती है भाजपा यह चुनाव संविधान बचाने की लड़ाई -राधिका खेड़ा
जगदलपुर -inn24( रविन्द्र दास ) दो दिन पहले बाबा साहिब जी की जयंती पर पूरा देश हमारे संविधान के निर्माता को नमन कर रहा था और BJP ने भी दो दिन पहले अपना संकल्प पत्र जारी किया लेकिन विडंबना देखिए बाबा साहेब की जयंती अपना संकल्प पत्र जारी वो पार्टी कर रही है जो संविधान को ख़त्म करने की साज़िश रच रही है। उनके नेता अनंत कुमार हेगड़े, ज्योति मिर्धा, फ़ैज़ाबाद प्रत्याशी लालू सिंह और मेरिट के उम्मीदवार अरुण गोविल लगातार जनता से कह रहे हैं हमे 400 सीट जितवा दो ताकि हम संविधान बदल सके।और ये संविधान क्यों बदलना चाह रहे हैं?वो संविधान इसलिए बदलना चाह रहे हैं
क्योंकि
* वो आरक्षण ख़त्म करना चाहते हैं
* सब कुछ अदानी अंबानी को बेच के निजीकरण करना चाहते हैं
* जनता से उनका विरोध करने का हक़ छीनना चाहते हैं
* जनता अपना हक़ मांगे, वो हक़ मांगने का हक़ भी जनता से छीनना चाहते हैं।
आरक्षण को लेकर भाजपा की नीति का उदाहरण हमे छत्तीसगढ़ में ही देखने को मिलता है।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार आरक्षण विधेयक लेकर आई, जिससे हमारे आदिवासी भाई-बहन को 32% आरक्षण मिलता।
लेकिन भाजपा के राज्यपाल ने विधेयक को पास नहीं किया। वो आज भी राजभवन की टेबल पर धूल खा रहा है।
दो राज्यपाल बदल गये, सरकार बदल गई, लेकिन विधेयक पास होने के लिए वहीं का वहीं हैं।ख़ुद को आदिवासी हितेषी बताने वाली मोदी सरकार असल मायने में आदिवासी विरोधी है।नाम बदलने के शौक़ीन यह मोदी सरकार ने तो आदिवासियों को भी नहीं बख्शा, उनका भी नाम बदल कर ‘वन वासी’ रख दिया।मोदी सरकार के अनुसार, मोदी जी के अनुसार आदिवासी तो सिर्फ़ वन में रहते हैं और वहीं तक सीमित है।आदिवासियों के ख़िलाफ़ उनकी नीति हमने राष्ट्र स्तर पर भी देख रहे हैं।देश को सबसे पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति तो दें दीं लेकिन, उनका अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। महामहिम को देश के संसद भवन के उद्घाटन से दूर रखा। जिनका पहला हक़ उद्घाटन करने का बनता था, उन्हें न्यौता तक नहीं दिया।
– राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से भी उनको दूर रखा।
– कुछ दिन पहले जब आडवाणी जी को भारत रत्न हमारी महामहिम दे रहीं थी, और राष्ट्रपति जी खड़ी हुई थी, तब मोदी जी बैठ के ठहाके लगा रहे थे।ऐसा राष्ट्रपति का अपमान, ऐसा प्रोटोकॉल का अपमान इस देश ने आज तक नहीं देखा।
अपमान यहीं तक सीमित नहीं है।हमारे आदिवासी भाई बहनों को लगातार रमन सिंह सरकार ने झूठे केस में फंसाकर जेल में बंद करने का काम किया, उन्हें बार बार नक्सली कह कर ग़लत केस लगाए।
जब हमारी सरकार कांग्रेस की बनी तो भूपेश बघेल जी ने 1700 आदिवासियों को रिहा करने का काम किया, क़ानून की कार्यवाही पूरी करके जब वो निर्दोष पाए गये और झूठे केस के प्रमाण सामने आये।
और वहीं पुराना माहौल आज फिर शुरू हो गया है। जिसके चलते नक्सली और पुलिस की मुठभेड़ मैं एक 3 महीने छोटी बच्ची आगाई और उसकी जान चली गई।
लेकिन, मोदी जी या उनके मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ना मुआवज़ा दिया ना माफ़ी मांगी।
देश के सामने एक और बड़ी चुनौती है, जल-जंगल-ज़मीन को भारतीय जनता पार्टी से बचाना।
भाजपा लगातार प्राकृतिक संसाधनों को अपने कारोबारी मित्रों को बेचने का काम कर रही है।
इससे न सिर्फ़ छत्तीसगढ़, बस्तर पीड़ित है, परन्तु उत्तराखंड हो या लद्दाख, पूरा देश जूझ रहा है।
लगातार पेड़ों को काटा जा रहा है पहाड़ों को काटा जा रहा है और सब कुछ सिर्फ़ अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए।
बस्तर के ख़िलाफ़, आदिवासियों के खिलाफ़, भारतीय जनता पार्टी की नीति हमने टाटा प्लांट, धूरा गाँव के समय भी देखी थी।
सबने आंदोलन किया, लेकिन भाजपा सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी।
जब कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनी थी तब अधिग्रहण ज़मीन को वापस दिलाने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया।
भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने 1700 किसानों के पट्टे वापस करने का काम किया है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक निर्णय हैं, जो देश में कहीं नहीं हुआ है।बस्तर संभाग ज़िला मुख्यालय जगदलपुर का मेडिकल कॉलेज, सिर्फ़ ईंठ का ढाँचा देने का काम भाजपा ने किया। ना डॉक्टर ना कोई सुविधा।कांग्रेस ने इसको बना ठीक करने का काम किया ताकि लोगों को स्वास्थ्य सेवाये मिल सकें।महारानी अस्पताल बंद करने की साज़िश भी भाजपा सरकार ने रची।हमारी कांग्रेस सरकार ने उसको बचाने का काम किया।और साथ ही 50 बेड के अस्पताल में इतनी सुविधाओं को बढ़ाया कि वहाँ आज लगभग 1000 लोगों का इलाज रोज़ होता है।2015 मैंने मोदी जी यहाँ आए और दल्लीराजहरा बस्तर रेल लाइन को हरी झंडी दिखा के गये थे और आज वो ठंडे बस्ते में हैं।दंतेवाड़ा ज़िला के हीरानार और बस्तर ज़िले के डिलमिली मेगा पॉवर प्लांट का शिलान्यास 2017 में किया और वो भी आज ठंडे बस्ते में है!मोदी जी ने कुछ दिन पहले बस्तर में आकर झूठ कहा कि उनकी सरकार 100 से अधिक वन उपज MSP पर ले रही है और कांग्रेस सिर्फ़ 7 वन उपज MSP पर लेती थी।लेकिन सच्चाई ये है कि भाजपा के समय सिर्फ़ 7 वन उपज MSP में आते थे और हमारी कांग्रेस सरकार ने 72 वन उपज को MSP के दायरे में लाने का काम किया।कांग्रेस ने तो तेंदू पत्ता भी ₹4000 प्रति मानक लेने का काम किया जो भाजपा सरकार सिर्फ़ ₹2500 में लेती थी।मोदी जी की एक ही नीति- झूठ बोलो, बार बार बोलो,ज़ोर से बोलो।लेकिन जनता को झूठ बोलना, गुमराह करना सबसे बड़ा पाप है।75 सालों से में देश सबसे बेरोज़गारी सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी दर से जूझ रहा है खेल रहा है और इससे हमारे बस्तर वासी भी वंचित नहीं है मोदी जी ने ना युवाओं की नौकरी पर चर्चा करें नाह महिलाओं पर न रोज़गार पर नाम महँगाई कम करने परलेकिन कांग्रेस के मैनिफेस्टो में, न्याय पत्र में हमने वादा किया है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही:- हम युवाओं को नौकरी देने का काम करेंगे- आज देश में 1 लाख से अधिक सरकारी पद नौकरियों के ख़ाली हैं, हम उन्हें भरने का काम करेंगे।साथ ही साथ हम 30 लाख रोज़गार युवाओं को देने का काम करेंगे
– Apprenticeship Program के तहत, 25 साल से कम उम्र के युवाओं को, जिन्होंने डिप्लोमा या ग्रेजुएशन की हुई है उन्हें सालाना ₹1 लाख देने का काम हमारी सरकार करेगी।
– महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सालाना ₹1 लाख देने का काम हमारी सरकार करेगी
– सरकारी नौकरी में 50% महिलाओं के लिए आरक्षण तुरंत लागू करने का काम हमारी सरकार करेगी।आज महँगाई चरम पर है। आप कहीं भी जाएं खाने की बेसिक चीज आम जनता के लिए ख़रीदना मुश्किल है।मोदी जी की 3 महीने पुरानी गारंटी, महतारी वंदन योजना की पहली किश्त का इंतज़ार आज भी 70% महिलाएँ जिन्होंने फॉर्म भरा था कर रही हैं।मोदी जी की 3 महीने पुरानी गारंटी, ₹500 के सिलेंडर का इंतज़ार आज भी छत्तीसगढ़ की जनता, बस्तर की जनता कर रही है।
आज देश में ₹1000 का सिलिंडर है और जब हमारी सरकार ₹400 का सिलिंडर देती थी तो मोदी की और भाजपा को ये बहुत महँगा लगता था और ये रोज़ विरोध करते थे बहुत हुई महँगाई की मार एक बार मोदी सरकार।और आज मोदी सरकार ने वही सिलिंडर ₹1000 के पार कर दिया।भाजपा का काम ही जुमला और नफरत फेला के, साम्प्रदायिकता करके चुनाव जीतना है।आज हर वर्ग मोदी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहा है चाहे आदिवासी हो, महिलायें, युवा, पहलवान, किसान या अग्निवीर भर्ती वाले युवा।इस बार ये लड़ाई जल जंगल ज़मीन बचाने की लड़ाई है।
आदिवासी और महिलाओं की अपने आत्मा सम्मान को बचाने की लड़ाई है।
युवाओं को अपना भविष्य सुनहरा बनाने की लड़ाई है।
प्रकृति को बचाने की लड़ाई है।