Chhattisgarh

श्री शनिधाम गौरकापा मे संत समिति की बैठक सम्पन्न….सनातन धर्म की रक्षा और एकजुटता पर लिए गए निर्णय

लोरमी /पंडरिया ,अखिल भारतीय संत समिति (छत्तीसगढ़ प्रांत) की महत्वपूर्ण बैठक 4 सितंबर को श्री शिवशनि धाम गौरकापा में आयोजित हुई। बैठक में सनातन धर्म की प्रतिष्ठा, उसकी रक्षा और संगठनात्मक मजबूती को लेकर अनेक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।

गौरकापा धाम की प्रतिष्ठा पर हमले का विरोध

बैठक में संत समाज ने गौरकापा मंदिर एवं महंत विवेक गिरी महाराज की छवि को झूठे आरोपों द्वारा धूमिल करने के प्रयासों की कड़ी निंदा की। प्रस्ताव पारित कर स्पष्ट किया गया कि संत समाज इस प्रकार के असामाजिक कृत्यों का विरोध करता है और महंत विवेक गिरी महाराज के साथ हर परिस्थिति में खड़ा रहेगा।

यह भी निर्णय लिया गया कि धर्म विरोधी तत्वों को किसी भी धार्मिक स्थल पर कर्मचारी के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा, जिससे सनातन धर्म की परंपराओं की गरिमा सुरक्षित रहे।

🔹 अक्टूबर में भव्य संत सम्मेलन और सदस्यता अभियान

 

बैठक में निर्णय लिया गया कि अक्टूबर माह में एक भव्य संत सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर से अनेक संत-महंत शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्देश्य सनातन धर्म को एकजुटता और मजबूती प्रदान करना होगा। साथ ही, इस अवसर पर बड़ी संख्या में संत समिति की सदस्यता भी ग्रहण करेंगे।

🔹 सरकार से “ऑपरेशन कालनेमी” की मांग

संत समिति ने सरकार से मांग की कि छत्तीसगढ़ में भी उत्तराखंड की तर्ज पर ऑपरेशन कालनेमी चलाया जाए। उत्तराखंड में इस अभियान के तहत संत के वेष में छिपे रोहिंग्या और विधर्मी तत्व पकड़े गए थे। संत समिति का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसे अवैध व धर्म विरोधी गतिविधियों को रोकने हेतु कठोर कदम उठाए जाने आवश्यक हैं।

 

🔹 सनातन धर्म के प्रति एकजुटता का संकल्प

बैठक में उपस्थित सभी संतों ने एक स्वर में कहा कि सनातन धर्म की रक्षा, उसके मूल्यों का संवर्धन और उसकी प्रतिष्ठा को बनाए रखना उनका सर्वोच्च दायित्व है। बैठक ने संत समाज की एकजुटता और धर्म रक्षा के संकल्प को और भी मजबूत किया।

🔸 बैठक में उपस्थित संतगण

 

इस अवसर पर संरक्षक महंत विवेक गिरी महाराज, राष्ट्रीय मंत्री महंत नरेंद्र दास, अध्यक्ष महंत सर्वेश्वर दास, महामंत्री राधेश्याम दास, महंत राजीव लोचन दास, रामबालक दास महात्यागी, महंत सीताराम दास निर्देशक, महंत रामलखन दास कोषाध्यक्ष, स्वामी परमात्मानंद, सुंदर दास, मण्डलेश्वर दिव्यकान्त दास, महंत सुरेंद्र दास, महंत बसन्त बिहारी दास, स्वामी निजानन्द, महंत राधामोहन दास, स्वामी राजेश्वरानंद दास, स्वामी गौतमानन्द, साहनी पदमनी पुरी, नागा पवन दास, महंत बृजेन्द्र गिरी सहित बड़ी संख्या में संत एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।

 यह बैठक न केवल गौरकापा धाम की प्रतिष्ठा और महंत विवेक गिरी महाराज की गरिमा के प्रति संत समाज के अटूट समर्थन को दर्शाती है, बल्कि सनातन धर्म की अखंडता व राष्ट्रीय स्तर पर उसकी प्रभावशीलता को भी सुदृढ़ करती है।