वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह के दिशानिर्देश पर यातायात पुलिस बिलासपुर द्वारा केशलेस उपचार योजना में नामांकित अस्पतालों का लिया गया मीटिंग

यातायात पुलिस बिलासपुर 27.06.2025 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह के दिशा निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में नियमित रूप से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को समझाइस दिया जा रहा है वही सड़क व्यवस्था में नियमित रूप से सुधरात्मक एवं समाधान कारक प्रयास किये जा रहे है साथ ही यातायात पुलिस बिलासपुर के द्वारा जनहित, लोकहित एवं जनकल्याण के दिशा में लगातार कल्याणकारी कार्यों में प्रमुखता से अहम भूमिका निभाई जा रही है। इसी कड़ी में सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित व्यक्तियों की समुचित उपचार एवं त्वरित स्वास्थ्य लाभ हेतु शासन के द्वारा लागू योजना को बेहतर से बेहतर क्रियान्वयन की दिशा में जन जागरूकता एवं प्रचार प्रसार की जा रही है ताकि जन-जन तक उक्त योजना का लाभ पहुंच सके एवं लोगों को दुर्घटनाजनित आकस्मिक स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाई जा सके।
“सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों का नगदी रहित उपचार योजना 2025” (कैशलेस उपचार योजना) के तहत बिलासपुर में निर्दिष्ट हॉस्पिटलों की सूची पूर्व में सार्वजनिक की जा चुकी है सड़क दुर्घटनाओं में अविलंब उपचार हेतु इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है जिसके तहत बिलासपुर जिले में 24 हॉस्पिटलों को केशलेश सुविचार हेतु निर्दिष्ट किया गया है लोगों को सरलता पूर्वक इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है ताकि कैशलेस उपचार के तहत स्वर्णिम समय (गोल्डन टाइम) पर सड़क दुर्घटना में पीड़ित/आहत का समुचित उपचार सुनिश्चित हो सके और सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से आहत व्यक्तियों, चालकों एवं लोगों की तात्कालिक शारीरिक क्षति का समुचित उपचार कर उसकी जीवन रक्षा की जा सके।
इस संदर्भ में सर्वप्रथम जब भी कोई वाहन चालक या व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में आहत होते हैं इस दौरान पीड़ित या पीड़ित के परिवार के द्वारा 112,108 या प्राइवेट वाहन के माध्यम से उन्हें अस्पताल लाया जाता है या ऐसी परिस्थिति में थाना के स्टाफ को जैसे ही सड़क दुर्घटनाओं की सूचना प्राप्त होती है तब उनके द्वारा विधिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सड़क दुर्घटना में आहत व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाई जाती है।
इसके पश्चात कैशलेस उपचार योजना के तहत उक्त आहत व्यक्ति को अस्पताल में टीएमएस (ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम) के तहत एडमिट करते हुए उसका आई रेड में रजिस्ट्रेशन किया जाता है तत्पश्चाप पुलिस के द्वारा आई रेड में एक्सीडेंट आई डी जनरेट की जाती है। यह आई डी एडमिशन के तत्काल पश्चात जनरेट की जाती है जिसे 24 घंटे के अंदर टीएमएस से एक्सीडेंट आई डी में लिंक करना होता है।इसके पश्चात आई रेड आईडी मैपिंग के तहत वह केशलेस उपचार हेतु उक्त आहत व्यक्ति पात्र हो जाता है।
यह कैशलेस उपचार अधिकतम सात दिवस के भीतर डेढ़ लाख (1,50,000/-रु) रुपए तक हो सकती है डेढ़ लाख केशलेस उपचार के तहत सात दिवस तक उक्त आहत व्यक्ति को निर्देशित हॉस्पिटल में भर्ती रखकर यथोचित उपचार किया जाता है मरीज की स्थिति सात दिवस तक ठीक नहीं होने पर उन्हें अन्य स्किम/योजना के तहत उचित उपचार किया जा सकता है जैसे आयुष्मान या पेड बेसिस पर अग्रिम उपचार की जाती है या उच्च सुविधा वाले हायर मेडिकल सेंटर को रिफर की जा सकती है या इलाज पूर्ण होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
ततपश्चात अस्पताल के द्वारा उक्त मरीज के उपचार में हुए वित्तीय खर्च को क्लेम किया जाता है जिसके तहत एस एच ए या एन एच ए (स्टेट हेल्थ अथारिटी या राष्ट्रीय स्वास्थ्य अथॉरिटी) को उपचार क्लेम की जानकारी भेजी जाती है उक्त प्राधिकरण के द्वारा उपचार क्लेम की समीक्षा करते हुए इसकी स्वीकृति होने पश्चात संबंधित अस्पताल को उपचार राशि प्राप्त हो जाती है।
उक्त पूरी प्रक्रिया एवं व्यवस्था को डी आर एस एस सी (डिपार्टमेंट रिलेटेड स्टैंडिंग कमिटी) द्वारा मॉनिटर किया जाता है ताकि इस पूरी प्रक्रिया में विधिक प्रक्रियाओं का पर्णतः सभी स्तर पर पालन किया जा सके। और कैशलेस उपचार के तहत रोड एक्सीडेंट के पात्र सभी पीड़ित को समुचित उपचार प्राप्त हो सके।
उक्त मिटिंग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे, एन आई सी एवं आई रेड प्रभारी समीर चंद्राकर एवं नाम निर्देशित समस्त हॉस्पिटलों के प्रबंधक एवं चिकित्सकगण धिकारिक संख्या में सम्मिलित हुए।