मणिपुर में देखते ही गोली मारने के आदेश, हिंसा को काबू करने सरकार ने लिया सख्त फैसला

मणिपुर में सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए ‘शूट एट साइट’ का ऑर्डर दिया है. हालांकि यह केवल एक्ट्रीम केस में ही इस्तेमाल किया जाएगा. बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने के खिलाफ एक आदिवासी स्टूडेंट यूनियन ने मार्च बुलाया था. इसमें हिंसा भड़क गई थी. इसके बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गा था. इतना ही नहीं पूरे मणिपुर में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सर्विस को सस्पेंट कर दिया गया है. फिलहाल मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण है. दंगों को रोकने सेना और असम राइफल्स को भी डिप्लोय कर दिया गया है.

मणिपुर के हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना का फ्लैग मार्च जारी है. हैलिकॉप्टर के जरिए भी निगरानी की जा रही है. सेना और असम राइफल्स ने चुराचंदपुर के खुगा, टाम्पा, खोमौजनब्बा के क्षेत्र, इंफाल के मंत्रीपुखरी, लाम्फेल कोइरंगी क्षेत्र और काकचिंग जिलों के सुगनू में फ्लैग मार्च और हवाई सर्वेक्षण किया है. कानून व्यवस्था की बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के कुल 55 कॉलम तैनात किए गए हैं. अतिरिक्त 14 कॉलम को भी शॉर्ट नोटिस पर तैनाती के लिए तैयार रखा गया है.

मैरी कॉम ने किया ट्वीट
मणिपुर की स्थिति पर महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने भी ट्वीट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी. मैरी कॉम ने अपने ट्वीट में लिखा,’मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है. प्लीज मदद कीजिए.’ उन्होंने अपने ट्वीट में पीएम नरेंद्र मोदी, पीएमओ ऑफिस, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी टैग किया है. उन्होंने मणिपुर हिंसा की कुछ तस्वीरों को भी अपने ट्वीट में शेयर किया है.

इंटरनेट सेवा बंद
मणिपुर में अचानक हिंसा भड़कने के बाद धारा-144 लगा दिया गया है. साथ ही राज्य में अगले 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. हिंसा प्रभावित जिलों में किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए असम राइफल्स की 34 और सेना की 9 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं. वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से फोन पर घटना की जानकारी ली और उन्होंने केंद्र की ओर से राज्य को हरसंभव मदद का भरोसा दिया.

सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
मणिपुर के मौजूदा हालातों को देखते हुए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है. स्थानीय लोग, अधिकारी, मजदूर जो या तो फंसे हुए हैं या अपने वर्तमान स्थान पर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, इस नंबर का इस्तेमाल कर सकते है. कुछ लोगों को लिए शिविर का भी इंतेजाम किया गया है जो अपने क्षेत्र में रहने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *