मजदूरों तथा किसानों को हक दिलाने संयुक्त खदान मजदूर संघ, लाल झंडा व अखिल भारतीय किसान सभा ने संयुक्त रूप से सौपा ज्ञापन
जिला रिपोर्टर शक्ति उदय मधुकर

सक्ती लंबे संघर्षों के बाद मजदूरों कर्मचारियों को मिले अधिकारों में मनमाना कटौती करने वाले 4 लेबर कोड ( 4श्रम संहिता ) को तत्काल वापस लेने और देश के किसानों को उनकी कृषि उपज के दाम की गारंटी देने संबंधी अन्य सभी अन्य कानून बनाने तथा क्षेत्र के गरीब पीड़ित ग्रामीणों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन संयुक्त खदान मजदूर संघ एटक लाल झंडा व अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन शक्ति कलेक्टर की अनुपस्थिति में अपर कलेक्टर बालेश्वर राम को सौंपा गया । संयुक्त खदान मजदूर संघ और अखिल भारतीय किसान सभा के नेता कामरेड अनिल शर्मा ने अपने जारी बयान में बताया कि 21नवंबर 2025 दिन शुक्रवार से केंद्र की भाजपा नीति सरकार ने मजदूरों को गुलाम बनाने तथा मालिकों उद्योगपतियों को मजदूरों का दमन करने वाली 4लेबर कोड( 4 श्रम संहिता )लागू कर दी है इस कानून के विधेयक को कोरोना काल में ( 2019 -2020 ) बिना
चर्चा कराए लोकसभा राज्यसभा में पारित कराया गया था और तो और को चार लेबर कोड ( 4 श्रम संहिता )को अखिल भारतीय श्रम संघ सम्मेलन में सहमति बनाएं बिना लागू किया गया है यह सम्मेलन1915 के बाद बुलाया ही नहीं गया है । कॉमरेड अनिल शर्मा ने बताया कि इस कानून के लागू होने से 18000 रुपए से ज्यादा मासिक मजदूरी पाने वाला मजदूर नहीं कहलाएगा .यूनियन बनाने के प्रावधान को कठिन कर दिया गया है। ताला बंदी छटनी मालिकों की मर्जी से होगी ।.मिनिमम वेज तय करने वाले बोर्ड का प्रारूप को मालिकों के पक्ष में बना दिया गया है। .हड़ताल के अधिकार को लगभग खत्म सा कर दिया गया है। यूनियनों की मान्यता समाप्त करना आसान हो गया है । लेबर कोर्ट बंद करके ट्रिब्यूनल बनाने का प्रावधान है जिससे न्याय मिलने की प्रक्रिया मुश्किल हो जाएगी। मजदूरों कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन करना आसान कर दिया गया है । कामरेड शर्मा ने बताया कि इसी तरह आज से ठीक 5 वर्ष पहले 26 नवंबर 2021 को किसानों के आंदोलन को समाप्त कराया गया था और उन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि तीन काले कृषि कानूनों वापस लेकर किसानों और उनके संगठन संयुक्त किसान मोर्चा व अखिल भारतीय किसान सभा के साथ मिलकर सलाह मशविरा करके किसानों के लिए नया कानून बनाया जाएगा जिसमें किसानों के उपज की गारंटी सहित अन्य सभी कानून होंगे वह आज तक नहीं बनाया गया है । यह भारत देश के किसानों के साथ धोखा है । राष्ट्रपति सहित शक्ति जिले के कलेक्टर को सौपे ज्ञापन में जिले के गरीब मजदूरों पीड़ितों की समस्याओं के भी निराकरण की मांग की गई है जिसमें राजा भाठा लवसरा के अनुसूचित जाति के गरीबों को काबिज जंगल जमीन का पट्टा दिए जाने . खम्हरिया (जैजैपुर ) तथा जेठा ( सकती ) के ग्रामीणों को जल ग्रहण मिशन के तहत बिछे पाइप लाइन से पीने का पानी देने . जेठा में नया धान खरीदी केंद्र खोले जाने , मुक्ता राजा बाराद्वार के ग्रामीणों का पावर प्लांट के लिए 2009- 2010 में अधिग्रहित कृषि भूमि को पावर प्लांट नहीं लगने के कारण उनकी कृषि भूमि वापस दिए जाने , शक्ति जिले के किसानों को रवि फसल के लिए हसदेव बांगो मिनीमाता बांध के नहरों से सिंचाई हेतु पानी जल्द दिए जाने की घोषणा किए जाने, ठठारी ग्राम को जनसंख्या और मतदाता के अनुपात में नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने सहित 13 सूत्रीय मांगों के निराकरण करने की मांग की गई है । ज्ञापन सौपने वालो में कामरेड अनिल शर्मा , बलराम बरेठ ,लकेश्वर चौहान , ताराचंद बरेठ, हरिश चंद्रा , भागीरथी चंद्र ,रघुनंदन साहू, उपेन्द बरेठ, पीताम्बर सूर्यवंशी, कन्हैया कुर्रे ,भारत टंडन, अमृत यादव , कुलदीप शर्मा, निर्मल कुर्रे, सीताराम बरेठ, देवारी लाल कर्ष, मोहन साहू आदि अनेक खदान क्रेसर के मजदूर और किसान तथा भूमिहीन शामिल थे । उक्ताशय की जानकारी कामरेड अनिल शर्मा ने दी है ।





