बारह ज्योतिर्लिंग मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार अमावस्या के पावन दिन मंदिर का स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम से बारिश के रिमझिम बूंदों के बीच मनाया गया ।।

द्वादश ज्योतिर्लिंग में मनाया गया मन्दिर स्थापना दिवस
सावन के दूसरा सोमवार अमावश्या के दिन हुआ शुभ कार्य

छत्तीसगढ़ दुर्ग – बारह ज्योतिर्लिंग मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार अमावस्या के पावन दिन मंदिर का स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम से बारिश के रिमझिम बूंदों के बीच मनाया गया ।।
ज्ञात हो कि सिविल लाइन में स्थित शीतला तालाब में बारह ज्योतिर्लिंग मन्दिर का भव्य व विशाल मंन्दिर का निर्माण हुआ है जिसमे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन लाभ लिया जाता रहा है वर्तमान में सावन के पावन महीने में भागवान भोलेनाथ जी के दर्शन के लिए सेकड़ो की संख्या में लोग सुबह से आते जाते रहे व श्रद्धा के साथ पूजन करते रहे।
मन्दिर समिति द्वारा भव्य रुद्राभिषेक व महाआरती कर प्रसाद वितरण किया गया ।
मंन्दिर समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुवे बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सावन के महीने में मंदिर का स्थपना दिवस पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया जिसमे दुर्ग की जनता ने पूरी श्रद्धा से भक्ति पूर्वक मन्दिर में सैकड़ो की संख्या में पहुँच कर स्थापना दिवस मनाया गया ।
शर्मा ने बताया कि इस स्थान पर 108 ज्योतिर्लिंग का निर्माण का कार्य प्रराम्भ है जिसमे दुर्ग की जनता अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु शिवलिंग निर्माण कर सकता है। मंन्दिर प्रागण में भगवान परशुरामजी का मंदिर पंचमुखी हनुमान जी , रामदरबार , छत्तीसगढ़ महतारी की भव्य विशाल प्रतिमा व यमराज जी व चित्रगुप्त जी के मन्दिर के साथ साथ कबीर जी का मंदिर निर्माण हो चुका है । शर्मा ने बताया कि यमराज जी व चित्रगुप्त जी के मंदिर में अभी निर्माण कार्य प्रारंभ है जिसमे गरुड़ पुराण के अनुसार पाप और पुण्य को झांकियों के रूप में स्थापित करते हुवे यम घर का निर्माण किया जाएगा जिससे आम लोग पाप करने से डरे।
वही मन्दिर समिति के तामेश तिवारी ने मीडिया को जानकारी देते हुवे बताया कि दुर्ग के हृदय स्थल में बसा यह स्थान एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रुप मे विकसित हो रही है चारो तरफ सुंदर मंदिरों का निर्माण अनायास ही मन को शांति देता है ,
इस स्थान में साल में हजारों की संख्या में साल में दो बार नवरात्रि में ज्योति प्रज्वलित होता है यह दुर्ग का एक धार्मिक स्थान है उसके बाद भी इस स्थान के विकास के लिये शाशन प्रारशान से कोई सहयोग प्राप्त नही होता जबकि अनेको बार समिति द्वारा यहां के जनप्रतिनिधियों को लिखित में आवेदन किया जा चुका है लेकिन राजनीतिक वश इस जगह का विकास नहीं हो पा रहा है भगवान परशुरामजी के मन्दिर का निर्माण का घोषणा होने के बाद भी उसे ना बनाए जाने से दुर्ग की जनता , समस्त ब्राम्हण समाज व मंदिर समिति आहत हो रही है।
मन्दिर के स्थापना दिवस के अवसर पर प. अमित शोरति द्वरा पूरे विधि विधान से रुद्राभिषेक व पूजन संपन्न कराया गया
कार्यक्रम में मुख्यतः मंदिर समिति के रमेश शर्मा , तामेश तिवारी ,आनंद मध्यानी , राधेश्याम साहू , गोवर्द्धन जायसवाल , अयोध्या प्रसाद गुप्ता , रामु यादव आदि उपस्थित थे।

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