
बंद कमरे में बहू को पीटते थे,आग लगाकर दी जान:घर से निकाला; ताना मारे- खुद तो दहेज लाई नहीं, और बेटी पैदा कर दी
मैं बहुत गलत जगह फंस गई हूं। यहां दहेज की बात को लेकर मेरा पति, सास, ससुर, जेठ, जेठानी और ननद ताने मारते हैं, और मुझे कुत्ते की तरह पीटते हैं। यहां तक की दो वक्त की रोटी और पानी तक नहीं देते हैं। कहते हैं, खुद तो दहेज लाई नहीं है। और अब बेटी पैदा कर दी है। उसकी शादी और पालन पोषण का खर्च कौन उठाएगा। मुझे पीट-पीटकर घर से निकाल दिया गया।
दरअसल ये उस महिला का दर्द है, जो अब इस दुनिया में नहीं है। खुदकुशी से पहले पूनम गुप्ता ने छोटी बहन आरती से अपना दर्द बताई थी। लेकिन तब तक देर बहुत हो गई थी। आखिरकार ससुराल वालों से तंग आकर उसने अपने ऊपर 5 लीटर केरोसिन डाला और खुद को आग के हवाले कर लिया।
दरअसल 15 मार्च 2023 की रात, जब घड़ी में 2.30 बज रहे थे। पूनम की सास ने उसके पिता अशोक कुमार को फोन करके बताया कि उनकी बेटी ने खुद के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा लिया है। सूचना मिलते ही पूरा परिवार भिलाई पहुंचा। उसे इलाज के लिए सेक्टर 9 हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान 23 मार्च को उसने दम तोड़ दिया।
जब परिजन मामले की शिकायत दर्ज कराने छावनी थाने पहुंचे तो रिपोर्ट तक नहीं दर्ज की गई। अंबिकापुर से दुर्ग आकर होटल में ठहरे परिजन तीन दिन तक थाने का चक्कर काटते रहे, लेकिन पुलिस जांच की बात कहकर लौटा देती थी। आखिरकार भास्कर की खबर के बाद 6 आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
दहेज के लालच में ससुराल वालों ने पूनम को इतना प्रताड़ित किया कि उसने मौत को गले लगाना सही समझा। मरने से पहले हुए बयान में पूनम ने मजिस्ट्रेट को भी अपना दर्द बताई थी। बेटी की मौत के बाद से उसके माता-पिता बहन सभी सदमे में है।