‘…. फिर मेरी हिम्मत नहीं हुई कि शराबबंदी की घोषणा कर दूं’.. छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर सीएम भूपेश का बड़ा बयान

रायपुरः सीएम भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, शान्ति सरोवर में नशा मुक्ति अभियान की शुरूआत की। इस अभियान के शुरूआत कार्यक्रम में सीएम भूपेश ने कहा कि साल 2018 में महिलाओं का दवाब था कि प्रदेश मे शराबबंदी हो। उनकी सभा में थे, हमने भी घोषणा कर दी। इसके अलावा भेंट मुलाकात में भी शराबबंदी की मांग होती है। सीएम भूपेश ने कहा कि इसके लिए केवल सरकार सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। सीएम होने के नाते आज ही सब शराब दुकान बंद करा सकते है लेकिन क्या ये समस्या का समाधान होगा?

उन्होंने कहा कि महीनों के लॉकडाउन में लोग शराब का इंतजाम कर ले रहे थे। कुछ नहीं मिला तो सेनेटाइजर पी गए। इसके बाद मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं शराबबंदी की घोषणा कर दूं। नशेड़ी जिंदा है तो सुधार की उम्मीद है, मर जाए तो कोई विकल्प नहीं है। सीएम भूपेश ने कहा कि महिलाएं शराबबंदी पर दोनों हाथ उठाती है और गुड़ाखू पर चुप हो जाती है। बाल या युवा अवस्था में नशे की शुरुआत होती है। आगे जीवन की कड़वाहट उसे और बढ़ाती है। नशा मुक्त अभियान का मैं स्वागत करता हूं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के अभियान को सरकार पूरा सहयोग देगी। नशा मुक्त समाज होना ही चाहिए।

कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम भूपेश ने बजरंग बली को लेकर हुए सियासी घमासान पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि बजरंगबली हमेशा सच और धर्म के साथ हैं। अन्यायई और अत्याचारियो को परस्त करते है। कर्नाटक में हुआ और आगे भी यही होने वाला है। भाजपा के साथ बजरंगबली नहीं है बल्किृ बजरंगबली का आशीर्वाद हमें मिला।

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में नक्सली बढ़ने को लेकर दिए गए बयान पर भूपेश बघेल ने कहा कि शिवराज सिंह घूमते कम है, बोलते ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर दबाव पड़ा है तो कान्हा की तरफ गए हैं। मध्यप्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं और वे उल्टा बोल रहे हैं कि नक्सली नेता और कमांडर छुपने के लिए छत्तीसगढ़ आते हैं।

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