परिवहन विभाग का बड़ा कारनामा ROVING EYE SYSTEM PVT Ltd को दिया नियम विरुद्ध आटोमेटेड फिटनेस सेंटर संचालित करने का टेंडर, तत्कालीन परिवहन आयुक्त पर गंभीर आरोप….

भागवत दीवान
रायपुर/छत्तीसगढ़
सुशासन और डबल इंजन की सरकार में परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ शासन से बड़ी खबर सामने आई है जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग छ ग शासन द्वारा कोरबा जिला में ROVING EYE SYSTEM PVT.LTD. को आटोमोटेड़ फिटनेस सेंटर संचालित करने का निविदा (टेंडर) जारी किया गया है जिस पर शिकायतकर्ता जितेन्द्र कुमार साहू ने सवाल खड़े करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री,परिवहन सचिव, कलेक्टर कोरबा और जिला परिवहन अधिकारी कोरबा को पत्र लिखकर कोरबा जिला के नकटीखार में संचालित आटोमेटेड फिटनेस सेंटर को जारी किये गये नियम विरुद्ध टेंडर को निरस्त करने और दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की गई है!
परिवहन विभाग और तत्कालीन परिवहन आयुक्त सुधांशु काबड़ा पर आरोप….
जानकारी के अनुसार छ ग शासन के परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश के जिलों में आटोमोटेड़ फिटनेस सेंटर संचालित करने के लिए नियम एवं शर्तों के साथ टेंडर मंगवाया गया था जिसमें कई कंपनीयों ने हिस्सा लिया और उसमें से एक ROVING EYE SYSTEM PVT. Ltd. ने भी टेंडर भरा था!
परिवहन विभाग द्वारा आटोमोटेड़ फिटनेस सेंटर संचालित करने के लिए कई प्रकार के नियम एवं शर्तें बनाये हैं जिसमें से एक नियम एवं शर्त है कि संचालन कर्ता के खुद के नाम पर जिला परिवहन कार्यालय से अधिकतम 15 किलोमीटर की दूरी पर 01 एकड़ जमीन होने का नियम है और उस स्थिति में ही उस कंपनी या ठेकेदार को आटोमेटेड फिटनेस सेंटर संचालित करने का निविदा व टेंडर जारी किया जावेगा!
लेकिन परिवहन विभाग और तत्कालीन परिवहन आयुक्त सुधांशु काबड़ा के द्वारा ROVING EYE SYSTEM PVT Ltd को जिस जमीन के नाम पर कोरबा जिला में आटोमोटेड़ फिटनेस सेंटर संचालित का टेंडर दिया गया है वह जमीन अभी भी उसके नाम पर है ही नहीं है,कम्पनी के डायरेक्टर मिथुन विसंभरन ने ग्राम नकटीखार प ह नं 24 तहसील व जिला कोरबा के भूमि खसरा नंबर 939 रकबा 0.480 हेक्टेयर जमीन गजेन्द्र शर्मा पिता रमेश शर्मा एवं अन्य लोगों से खरीदा है लेकिन उस जमीन में विवाद होने से और SDM न्यायालय कोरबा तथा कोरबा जिला न्यायालय में प्रकरण लंबित होने से आज तक उस जमीन का नामांतरण नहीं हो पाया है और रुका हुआ है!
शिकायतकर्ता ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जब आटोमेटेड फिटनेस सेंटर संचालित करने वाले कंपनी के नाम पर जमीन है ही नहीं है तो फिर उसे परिवहन विभाग द्वारा टेंडर क्यों और किस नियम के तहत जारी किया गया है? परिवहन विभाग और तत्कालीन आयुक्त सुधांशु काबड़ा ने कंपनी के साथ सांठगांठ करते हुए और उनसे मोटी रकम लेकर नियमों को ताक में रखते हुए कंपनी को अनुचित आर्थिक फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से आंख मुंद कर टेंडर जारी किया गया है ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कार्यशैली के कारण आमजन के बीच प्रदेश की सरकार और स्वच्छ छवि ईमानदार कर्मठ कर्मचारी और अधिकारियों को बदनामी का सामना करना पड़ता है शासन प्रशासन को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है जिससे आम लोगों में सुशासन का संदेश और शासन प्रशासन पर विश्वास अटल हो!