पत्रकार जितेंद्र साहू के शिकायत पर प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग भारत सरकार ने लिया संज्ञान, बैंको की मनमानी को लेकर की थी शिकायत
रायपुर : कोरबा जिले में माइक्रोफाइनेंस बैंकों की मनमानी और नियम विपरीत वसूली को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार जितेंद्र साहू ने एचडीएफसी बैंक सहित 7 बैंको के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए कार्यवाही की मांग की थी शिकायतकर्ता के शिकायत की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग ने संज्ञान में ले लिया है।
आपको बता दे कोरबा जिले में फ्लोरा मैक्स नामक कंपनी में हजारों महिलाएं ठगी का शिकार हुए हैं और अधिकांश महिलाएं गरीब वर्ग से हैं या यूं कहे अपनी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी असमर्थ हैं। महिलाओं को कोरबा जिले में संचालित माइक्रोफाइनेंस बैंकों के द्वारा ऋण दिया गया और महिलाएं लोन की राशि को फ्लोरा मैक्स नामक कंपनी में निवेश कर दिए निवेश करने के बाद बैंकों के द्वारा ऋण वसूली की कार्यवाही शुरू कर दी गई ठगी का शिकार होने के कारण महिलाएं लोन चुकाने को लेकर असमर्थता जाहिर किया गया लेकिन बैंक के कर्मचारियों के द्वारा महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार और ऋण की राशि त्वरित देने को लेकर घर तक पहुंचना और धमकी भरे लहजे में धमकाते हुए जलील करने की शुरुआत माइक्रोफाइनेंस की कर्मचारियों के द्वारा किया जाने लगा जो आरबीआई के नियम के विपरीत था। बैंक कर्मचारियों के द्वारा इस तरह का मानवीय व्यवहार को देखते हुए पत्रकार जितेंद्र साहू के द्वारा प्रधानमंत्री को लिखित शिकायत प्रेषित करते हुए कार्यवाही की मांग किया गया। शिकायत पत्र 20.01.2025 को PM कार्यालय में प्राप्त होते ही मामले को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के द्वारा 22.01.2025 को ही संज्ञान में ले लिया गया।
इस मामले में वित्तीय सेवा विभाग भारत सरकार के उप सचिव श्री उमेश चंद्र के द्वारा अग्रिम कार्यवाही किया जाना है।
आपको बता दे फ्लोरा मैक्स में कर्ज लेने वाली महिलाओं के साथ बैंक के कर्मचारियों के द्वारा अभद्रता और बदसलूकी शिकायत कोई नई बात नहीं थी जिसे लेकर महिलाओं के द्वारा कोरबा कलेक्टर ऑफिस के बगल आईटीआई चौक में धरना भी दिया गया । एक महिला की संदिग्ध परिस्थिति में मौत भी हो गई है। इन सभी परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र साहू ने प्रधानमंत्री को लिखित में अवगत कराया था उनके शिकायत को स्वीकार कर लिया गया है।