नगर निगम कोरबा क्षेत्र अंतर्गत इन दिनों अतिक्रमणकारियों की बाढ़ सी आ गई है मुख्य मार्ग में खुलेआम अतिक्रमण किया जा रहा है और नगर पालिका निगम के संबंधित अधिकारी मूकदर्शक बनकर बैठे हुए हैं। इसी तरह मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण करने वालों को नगर निगम के द्वारा कार्रवाई का कोई भय नहीं है।
हद तो तब हो जाती है जब शिकायत के बाद भी कार्यवाई नही होने की स्थिति में नगर निगम के कमिश्नर द्वारा संज्ञान लेते हुए करवाई के आदेश के बाद भी अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई नही होना जिम्मेदार अधिकारियों की स्वेच्छाचारिता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।
मनमानी का इसी तरह का मामला प्रकाश में आया है जहाँ अवैध अतिक्रमण की शिकायत पर कार्यवाही करने के बजाय मोटी रकम लेकर उन्हें संरक्षण देते हुए तोड़ू दस्ता एवं भवन निर्माण अधिकारी अखिलेश शुक्ला द्वारा अपनी मनमानी का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
क्या है मामला
कोरबा नगर पालिक निगम क्षेत्र अंतर्गत सुभाष चौक से आरा मशीन जाने वाले मुख्य मार्ग में अमरीश राठौर के द्वारा अतिक्रमण करते हुए कुआं और हाईटेंशन तार को भी नही बक्शा गया और ना ही भवन निर्माण की अनुमति ली गई,कुल मिलाकर अपने व्यावसायिक लाभ को सिद्ध करने के उद्देश्य से सभी नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए मुख्य मार्ग पर अवैध अतिक्रमण करते हुए व्यावसायिक दुकान बनाया जा रहा था।
मामले की लिखित शिकायत नगर निगम कमिश्नर आशुतोष पाण्डेय के समक्ष की गई, शिकायत के आधार पर निगम आयुक्त ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश संबंधित अधिकारी अखिलेश शुक्ला को दिए थे।
बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने पुनः निगम आयुक्त को अवगत कराया बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत के बाद महीना भर का समय बीत गया लेकिन कार्रवाई की औपचारिकता इस तरह की गई की भवन निर्माण करने वाले या यू कहे अतिक्रमणकारी अमरेश राठौर का निर्माण चलता रहा और अंततः उनके द्वारा पक्का निर्माण कर लिया गया।
सूत्रों की माने तो शिकायत के बाद अतिक्रमण प्रभारी अखिलेश शुक्ला के द्वारा कई मामलों पर कार्रवाई नहीं की जाती और मोटी रकम लेकर अपनी जिम्मेदारियां की इतिश्री कर ली जाती है।
इसी तरह चेक पोस्ट मुख्य मार्ग पर ट्रांसफार्मर लाइन के बगल में खुलेआम प्रकाश साहू सोसायटी संचालक के द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है जिसकी लिखित शिकायत नगर निगम के कमिश्नर के समक्ष किया गया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले पर भी अतिक्रमण करने वाले प्रकाश साहू ने अधिकारियों को मोटी रकम देकर अतिक्रमण करने की बात कहते हुए सिस्टम को ठेंगा दिखाया था।
लिखित शिकायत के बाद कार्यवाई के संबंध में बालको जोन के प्रभारी संजय ठाकुर के द्वारा बताया गया प्रकाश साहू के निर्माण पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी ।
उनके उत्तर के बाद भी कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में कुछ दिन पश्चात प्रत्युत्तर पर उनके सुर बदल गए और कहने लगे तोड़ू दस्ता प्रभारी अखिलेश शुक्ला के आदेश के बाद ही कार्रवाई की जाएगी मैं वरीय अधिकारियों के आदेश पर कार्य करता हूँ, आप निगम कमिश्नर से पूछिए कार्यवाई कब होगी।
अब सवाल यह है एक तरफ निगम कमिश्नर आशुतोष पाण्डेय कोरबा नगर निगम क्षेत्र को इंदौर जैसे स्वच्छ शहर के साथ-साथ सुव्यवस्थित नगर निगम की तर्ज पर विकसित करना चाह रहे हैं वहीं दूसरी ओर भवन निर्माण के साथ-साथ अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई की जिम्मेदारी रखने वाले अखिलेश शुक्ला जैसे अधिकारी जिन पर रुपयों का लेनदेन कर कार्रवाई को प्रभावित करने की जानकारी मिल रही है ऐसे में क्या कार्रवाई की परिभाषा केवल गरीबों के लिए परिभाषित होती रहेगी।
क्या निगम कमिश्नर के मनसा अनुरूप निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए शहर को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त बनाने में संबंधित अधिकारी कर्मचारी अपनी कर्तव्य आचरण का ईमानदारी से उदाहरण प्रस्तुत करेंगे या इसी तरह रुपयों के दम पर कार्रवाई की औपचारिकताएं निभाते हुए केवल सौदे के आधार पर कार्रवाई का ढिंढोरा पीटते रहेंगे।
इस मामले में अखिलेश शुक्ला से पक्ष जानने पर उन्होंने बताया रुपयों की लेनदेन के आरोप बेबुनियाद है,लेकिन सवाल यह है निगम कमिश्नर के समक्ष लिखित शिकायत के बाद भी कार्रवाई में महीने भर का विलंब होना संरक्षण की ओर इशारा करते वहीं संदिग्ध भी प्रतीत होता है।
निगम आयुक्त को चाहिए लिखित शिकायत चाहे अतिक्रमण की हो या अन्य शिकायत जिससे शहर के विकास और सुंदरता के साथ-साथ साफ सफाई पर अवरोध उत्पन्न होता है ऐसे मामलों पर शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि कार्रवाई की परिभाषा सबके लिए बराबर हो और नगर निगम क्षेत्र के विकास में किसी तरह का अवरोध उत्पन्न ना हो।