Chhattisgarh

नक्सल आधारित फिल्म “माटी” पर फिल्म के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर सहित तमाम कलाकारों ने किया प्रेस वार्ता

इस फिल्म मे आत्म समर्पित 40 से 45 नक्सलियों ने अभिनय किया है जो इस फिल्म को जीवंत बनाती है

 

  1. जगदलपुर । छत्तीसगढ़ और बस्तर की माटी की खुशबू, दर्द, संघर्ष और उम्मीदों की कहानी लेकर चंद्रिका फिल्मस एवं श्री प्रसाद फिल्म  प्रोडक्शन लेकर आ रहे है, फिल्म ‘माटी’, फिल्म को लेकर फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने किया प्रेस वार्ता  । जिसमें फ़िल्म को लेकर मीडिया के समक्ष ट्रेलर का प्रमोशन किया गया। फिल्म के डायरेक्टर अविनाश प्रसाद ने बताया यह फिल्म केवल एक प्रेमकथा नहीं, बल्कि उस धरती की आत्मा की पुकार है जिसने दशकों तक हिंसा, संघर्ष और आशा के बीच खुद को संभाला है।

 

इस कहानी में भीमा’ और ‘उर्मिला’ का प्रेम उस बस्तर की माटी में जन्म लेता है जहां अब भी बंदूक की आवाज़ और गीत की लय साथ-साथ गूंजते रहे हैं। दशकों तक चले इस नक्सल संघर्ष ने न जाने कितने मासूमों को निगल लिया, कितने सैनिक शहीद हुए और कितने निर्दोष ग्रामीण अपनी ही धरती पर बेघर हो गए। फिल्म ‘माटी’ उन अनकही कहानियों को स्वर देती है जिनका इतिहास में कोई जिक्र नहीं, पर जो वादियों, जंगलों, नदियों और हर बस्तर वासी के हृदय में दर्ज हैं।

इस फिल्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें सभी कलाकार स्थानीय ही हैं-

कुछ वे भी जो कभी भटके हुए रास्ते पर थे और अब आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए हैं। कई कलाकार शिक्षक हैं, सामाजिक कार्यकर्ता हैं और बस्तर से गहरा भावनात्मक लगाव रखते हैं।

पूरी टीम का यह प्रयास केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि बस्तर की रक्त रंजित माटी में घटी अनेकानेक दिल दहला देने वाली घटनाओं को श्रद्धांजलि है।

वहीं निर्माता संपत झा का कहना है-

“माटी हमारे अपने लोगों की कहानी है। इसमें नायक-खलनायक नहीं हैं सिर्फ इंसान हैं, जिनके पास दर्द है, उम्मीद है और अपने बस्तर से प्रेम है।

 

निर्देशक अविनाश प्रसाद कहते हैं-

इस फिल्म मे आत्म समर्पित 40 से 45 नक्सलियों ने अभिनय किया है।

” श्री प्रसाद ने कहा जब हमने कैमरा बस्तर की घाटियों की ओर मोड़ा, तो वहां सिर्फ दृश्य नहीं, आत्मा की गहराई तक उतरने वाली अनुभूति मिली। बस ‘माटी’ उन्ही अनकहे अहसासों और हृदय को छू लेने वाली feelings की कहानी है।

“फिल्म में लोकगीत, बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और उस मिट्टी का अपनापन झलकता है जो हर दर्शक के हृदय को छू जाएगा।

‘माटी’ की रिलीज़ 14 नवंबर 2025 को निर्धारित है। यह फिल्म बस्तर की संस्कृति, संवेदना और प्रेम का सच्चा दस्तावेज़ बनेगी। हमने अपनी हर संभव कोशिश की है की हमारे हर दर्शक को हमर छत्तीसगढ़ और आमचो बस्तर की “माटी” को करीब से जानने और उस संवेदना को महसूस करने का अवसर मिले जो “माटी” के हर फ्रेम में बसती है।