
दो बार के पूर्व विधायक संतोष बाफना का निजी चैनल पर दिया गया यह बयान “निगम में तो भाईचारा है” खुद की पार्टी भाजपा के 19 पार्षदों पर लगाता है प्रश्नवाचक चिन्ह -जावेद खान
पार्षद आलोक अवस्थी और भाजपा पार्षद दल पहले अपनी ही पार्टी का जीतें विश्वास फिर लाऐं निगम सरकार के खिलाफ अविश्वास -जावेद खान
जगदलपुर 28/8/23 inn24 (रविंद्र दास)भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने एक बार फिर भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी को आड़े हाथों लिया है और इस बार उन्हें विश्वास और अविश्वास का पाठ पढ़ाया है, जावेद ने भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी के अविश्वास प्रस्ताव वाले बयान में उन्हें घेरते हुए कहा है कि जगदलपुर निगम में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा पार्षद दल पहले अपनी ही पार्टी में विश्वास बना लेते फिर निगम में अविश्वास प्रस्ताव लाते तो बेहतर होता क्योंकि जिस प्रकार से जगदलपुर विधानसभा से दो बार के पूर्व विधायक रहे एक बार के नगर पालिका अध्यक्ष रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता संतोष बाफना ने अपने बयान में यह कह कर भाजपा पार्षद दल के राजनीतिक चरित्र पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं कि “निगम में तो भाईचारा है” इस बयान के बाद अविश्वास प्रस्ताव की गरिमा वैसे ही खत्म हो जाती है,और बाफना के इस बयान से यह स्पष्ट भी हो जाता है कि पूर्व विधायक और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष सहित भाजपा पार्षद दल तथा नगर मंडल की लड़ाई इतनी बढ़ चुकी है कि अब भाजपा के पूर्व विधायक खुल कर अपनी ही पार्टी के पार्षदों पर भाईचारा का आरोप लगा रहे हैं राजनीतिक धर्म नहीं निभाने का आरोप लगा रहे हैं,यदि बाफना के इस बयान का सहीं मायने निकालें और बाफना की मानें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि 29 अगस्त को निगम में जो अविश्वास प्रस्ताव भाजपा पार्षद दल के द्वारा लाया जा रहा है वो सिर्फ नगर की जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए है, क्योंकि “निगम में तो भाईचारा है-निगम में कोई पार्टी नहीं है” ऐसे में भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी का अविश्वास प्रस्ताव को लेकर महापौर और कांग्रेस पार्षद दल पर बयानबाजी करना हास्यास्पद लगता है क्योंकि जिन पर उनकी ही पार्टी के बड़े नेता सवाल खड़े कर रहे हैं वो कांग्रेस को ज्ञान दे रहे हैं जावेद ने कहा अवस्थी आस्वस्त रहें कांग्रेस पार्षद दल और कांग्रेस पार्टी अपनी महापौर और निगम सरकार के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा है कांग्रेस में कहीं कोई झगड़ा नहीं है कांग्रेस में सिर्फ “भुपेश हैं तो भरोसा है” और रही बात अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तो वो पार्षदों का स्वविवेक और अधिकार होता है है कि वो किसी भी प्रक्रिया में भाग लें या ना लें वैसे भी निगम में कांग्रेस बहुमत में हैं कांग्रेस के भाजपा से दस पार्षद ज्यादा हैं।जावेद ने कहा आलोक अवस्थी जो आज अविश्वास प्रस्ताव पर पार्षदों का कोरम पूरा करने की दुहाई और मतदाता के मान और सम्मान की बात कर रहे हैं वो बताऐं जब पूर्व में नगर निगम के सभापति शेषनारायण तिवारी के खिलाफ विपक्ष की भूमिका वाले कांग्रेसी पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था तब महापौर सहित पूरे भाजपा पार्षद गायब हो गये थे तब अवस्थी कहां थे तब उन्हें मतदाता का मान सम्मान क्यों नहीं दिखा था आज भाजपा के पूर्व विधायक की ऐसी बयानबाजी से यह बात तो शहर जान गया है कि पार्षद आलोक अवस्थी और उनके साथी पार्षदों के साथ भाजपा जिला संगठन नहीं खड़ी है और शायद अविश्वास प्रस्ताव के दिन भाजपा के ही कुछ पार्षद भी साथ खड़े नहीं दिखेंगे आलोक अवस्थी जी को तो उनके उनको मिलाकर 19 पार्षद कल बताऐंगे कि वो किसके साथ खड़े हैं।जावेद ने पूर्व विधायक संतोष बाफना के निजी चैनल पर दिये उस बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा है कि बाफना जान लें निगम में कोई भाईचारा नहीं निगम में तो सिर्फ कांग्रेस की सरकार है जो नगर की जनता के आशिर्वाद से बनी है और कांग्रेस की सरकार में विपक्ष को पूरी आजादी है कि वो अपनी आवाज़ उठा सकें इसलिए अविश्वास प्रस्ताव भी निगम के पटल पर है पर बाफना उस अविश्वास प्रस्ताव पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं यह कह कर कि “निगम में तो भाईचारा है” जो स्पष्ट करता है कि आपसी लड़ाई कितनी गहरी है,कम से कम ऐसे समय में तो पूर्व विधायक को अपने पार्षदों के साथ खड़े दिखना था ऐसे समय तो इस बयान से गुरेज करना था जब निगम में उनकी ही पार्टी के पार्षदों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो परंतु उनकी मेहनत पर पानी फेरने के लिए पूर्व विधायक का यह बयान ही काफी है।जावेद ने कहा नेता प्रतिपक्ष और भाजपा पार्षद दल को तो अपने पूर्व विधायक के बयान के बाद नैतिकता दिखाते हुए अविश्वास प्रस्ताव खुद ही वापस ले लेना चाहिए क्योंकि जिन पार्षदों पर उनकी ही पार्टी के पूर्व विधायक को विश्वास नहीं है जिन पार्षदों पर उनकी ही पार्टी के पूर्व विधायक सवालिया निशान खड़े कर दें उन पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर जनता कैसे विश्वास कर पाऐगी,नगर निगम जगदलपुर में वैसे भी भाजपा पार्षदों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर ही जाऐगा यह तो जनता जानती है परंतु पूर्व विधायक के इस बयान ने “निगम में तो भाईचारा है” समय से पूर्व ही अविश्वास प्रस्ताव को गिरा दिया है अब सिर्फ औपचारिकता ही शेष बची है जो 29 अगस्त को पूर्ण कर ली जाऐगी।