दीपका में हुआ हादसा, कोयला लोड ट्रेलर की चपेट में आने से एसीबी कर्मी की मौत

दीपका में हुआ हादसा, कोयला लोड ट्रेलर की चपेट में आने से एसीबी कर्मी की मौत

कोरबा – जिले के दीपका क्षेत्र में कोयला गाड़ी ट्रेलर की चपेट में आने से कोहड़िया ग्राम के एक युवक की स्पॉट पर हुई दर्दनाक मौत के बाद उपजा भारी जन-आक्रोश आज 24 घंटे के सफल चक्काजाम आंदोलन के बाद समाप्त हुआ आंदोलनकारियों और मृतक के परिजनों को उचित न्याय और ठोस आश्वासन मिलने के बाद ही ग्रामीणों और आम नागरिकों ने जाम खोला ।
जन-आंदोलन की मुख्य मांगें पूरी
दीपका में एसीबी कंपनी में कार्यरत, कोरबा नगर निगम के कोहड़िया ग्राम निवासी युवक को कंपनी के ही ट्रेलर चालक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए कुचल दिया था, जिससे मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई इस हृदय विदारक घटना के विरोध में कोहड़िया ग्राम के ग्रामीणों, दीपका के आम नागरिकों तथा विभिन्न संगठनों ने तत्काल 24 घंटे का चक्काजाम शुरू कर दिया गहन तनाव और गोबरघोरा तथा एक अन्य वार्ड के पार्षदों और पुलिस प्रशासन के बीच हुई तीखी बहस के बाद अंततः एसीबी कंपनी प्रबंधन, पुलिस प्रशासन और दीपका तहसील कार्यालय के अधिकारियों के समक्ष निम्नलिखित सार्थक निर्णय और समझौता हुआ ।
01. तत्काल आर्थिक सहायता:- मृतक के पीड़ित परिवार को ₹2 लाख रुपए का तत्काल मुआवजा दिया गया ।
02. स्थायी रोजगार:- पीड़ित परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी प्रदान करने पर सहमति बनी ।
03. पीड़ित परिवार को पेंशन:- मृतक युवक के परिवार को आजीवन पेंशन कंपनी द्वारा सुनिश्चित किया गया ।
04. प्रदूषण नियंत्रण:- गोबरघोरा, विजयनगर, दीपका की ओर सहित चाकाबुड़ा के बीच से गुजरने वाले मार्ग पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव करने का आश्वासन दिया गया ताकि कोयला परिवहन से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिल सके ।
विभिन्न संगठनों का मिला समर्थन
चक्काजाम आंदोलन को जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना जैनेंद्र कुर्रे (जिलाध्यक्ष) ओम केवट लाल साहू और राष्ट्रीय कालरी वर्कर्स फेडरेशन के केंद्रीय सचिव संतोष चौहान सहित ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी ललित महिलांगे का जबरदस्त समर्थन मिला इन संगठनों की सक्रिय भागीदारी से आंदोलन को बल मिला और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन पर दबाव बना । पीड़ित परिवार को उचित न्याय मिलने और सभी मांगों पर प्रशासन एवं कंपनी की मुहर लगने के बाद 24 घंटे से चल रहे चक्काजाम आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की गई यह आंदोलन क्षेत्र में जनशक्ति और एकजुटता की जीत के रूप में देखा जा रहा है ।





