दिनों दिन बढ़ता जा रहा है जंगली जानवरों का खतरा..

मनेंद्रगढ़ से सतीश गौतम

“भालू के हमलें से खोगापानी में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल अपोलो हॉस्पिटल रेफर।

मनेन्द्रगढ़।  क्षेत्र में जंगली जानवरों के होने की खबर कई महीनों से हैं और जंगली जानवरों द्वारा जन हानि पहुंचाए भी और इस पर शासन द्वारा वन अमले को एलर्ट रहने सर्तकता बरतने को कहा गया है कि वन विभाग जंगलों में सघन वन गस्ती कर जंगली जानवरों से होने वाली जनहानि से रोक लगे।

लेकिन मनेन्द्वगढ वनमंडल के रेंजर अपने मनमानी तरीके जंगल की सुरक्षा के प्रति सजग नहीं दिखाई दे रहे है यहीं कारण है कि आय दिनों जंगली जानवरों से जनहित हो रहीं हैं और वन विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है मनेंद्रगढ के समीपवर्ती कोयलांचल क्षेत्र से लगा खोगापानी निवासी अमित कुमार दास पिता कानू बाबू उम्र ४५ वर्ष का खेत खोगापानी गोठान के पास खेत बना रखा है जो खोगापानी निवासी अमित कुमार दास खेत देखने जा रहा था गोठान के पास रुक कर फोन पर बात करने लगा तभी पीछे से भालू और उसके साथ एक बच्चा भी था जो पीछे से हमला कर लहुलुहान कर दिया भालू के हमलें से घायल ब्यति ने शोर शराबा किया तभी वहां पर रहें स्थानीय लोगों ने शोर-शराबा की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने मौके पर टार्च लेकर देखें की ब्यति पर भालू हमला कर लहुलुहान कर दिया था

तब जाकर भालू को भगाया और इसकी सूचना वन अमले को दिया गया।

भालू के हमलें से घायल ब्यति को वन-विभाग टीम ने स्थानीय अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया गया जहां चोट ज्यादा लगीं होने के कारण अपोलो अस्पताल बिलासपुर रेफर कर दिया गया है स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगली जानवरों के होने की खबर वन अमले को हैं लेकिन वन अमला जंगली जानवरों से जन हानि से बचने से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना मुनादी नहीं करवाई जाती है और वन विभाग में पदस्थ रेंजर रामसागर कुर्रे फोन ही नहीं उठाते है और रेंजर रामसागर कुर्रे फोन ही नहीं उठाते है और नहीं जंगल गस्ती भी नहीं करते हैं जिससे खोगापानी क्षेत्र से लगें जंगलों में अवैध अतिक्रमण भी बढ़ रहा है वन-विभाग द्वारा वन गस्ती नियमित नहीं की जाती है और वन-विभाग द्वारा वन गस्ती की गाड़ियों में लाक बुक भर कर वनों में गस्ती होना बता रहे हैं जो हकीकत मैदानी कुछ और है जबकि शासन द्वारा वन-विभाग टीम को बार-बार वन गस्ती नियमित करने हेतु बैठक लेकर कहां जाता है इसको वन-विभाग द्वारा अमल में नहीं लिया जा रहा है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *