‘…जिसे भी चाहो हलाल कर दो’ नरोदा पाटिया नरसंहार पर कोर्ट के फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान

अहमदाबाद: विशेष अदालत ने नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले में 67 अभियुक्तों को बरी कर दिया है। लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद ​देश के सियासी गलियारों में बवाल देखने को मिल रहा है। कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कवि राहत इंदौरी की एक कविता ट्वीट करते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा है।

अहमदाबाद की एक विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने की घोषणा के घंटों बाद ओवैसी ने गुरुवार रात ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘जिधर से गुजरो धुआं बिच्छा दो, जहां भी पाहुंचो धमाल कर दो। तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीन को लाल कर दो। अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम। जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो।’

आपको बता दें कि अदालत द्वारा बरी किए गए लोगों में भाजपा की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 18 अन्य अभियुक्तों की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई। एक व्यक्ति को ‘गलत पहचान’ के कारण 2009 में रिहा कर दिया गया था।

क्या है नरोदा पाटिया मामला?

साबरमती एक्सप्रेस में आग लगा दी गई थी। इसमें सवार 58 कारसेवक गोधरा में जलकर मारे गए थे। इसके बाद अहमदाबाद के नरोदा गाम में भीड़ द्वारा ग्यारह मुसलमानों को मार डाला गया था। 2008 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 86 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

विशेष न्यायाधीश शुबदा बक्शी ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया। इसके बाद पुलिस ने शहर के भादरा सिविल और सत्र न्यायालय परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी। बरी हुए लोगों के रिश्तेदारों ने ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ फैसले का स्वागत किया। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इसे ‘काला दिन’ बताया।

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