छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने “टी संवर्ग” के प्राचार्य पदोन्नति काउंसलिंग की विसंगतियों एवं आपत्तियों का निराकरण करने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग एवं संचालक लोक शिक्षण संचालनालय से की पुरज़ोर मांग-

रायपुर/ “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा “छत्तीसगढ़ राज्य सर्वशासकीय सेवक अधिकारी- कर्मचारी पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा सहयोगी संगठन “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ (Chhattisgarh Progressive and Innovative Teachers Federation- CGPITF) के द्वारा प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 12 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति का शासन से आदेश जारी करवाने व माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति के मामले में लगी याचिकाओं का निराकरण किये जाने के लिए विधिसम्मत ढंग से उचित पहल करने एवं विशेषत: “टी संवर्ग” के प्राचार्य पदोन्नति काउंसलिंग की विसंगतियों को हटाने तथा प्राचार्य पदोन्नत हुए प्रदेश के नियमित वरिष्ठ व्याख्याता एवं वरिष्ठ प्रधान पाठकों की आपत्तियों का निराकरण कर निष्पक्ष व पारदर्शी काउंसलिंग के माध्यम से प्राचार्य पद पर पदस्थापना आदेश जारी करवाये जाने के लिए कारगर पहल की हैं।
इस कड़ी में “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ” (CGPITF) के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने “टी संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के लिए लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दिनांक 14 अगस्त 2025 को जारी किये काउंसलिंग के नियमों-निर्देशों, काउंसलिंग की प्रक्रिया, काउंसलिंग के लिए निर्धारित किये गए विभिन्न संवर्गों के अनुपात 2:1:1 की विसंगतियों तथा प्राचार्य पदोन्नत हुए प्रदेश के वरिष्ठ व्याख्याता एवं वरिष्ठ प्रधान पाठकों की आपत्तियों का न्यायसंगत निराकरण किये जाने के लिए सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तथा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को ज्ञापन सौंप कर विसंगतियों का निराकरण कर,प्राचार्य “टी संवर्ग” के पदोन्नत हुए सभी 1355 प्राचार्यों को काउंसलिंग में शामिल कर पदस्थापना आदेश जारी करने की पुरज़ोर मांग की हैं।
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने मंत्रालय महानदी भवन में स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव,अवर सचिव तथा इंद्रावती भवन में लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों से चर्चा कर “टी संवर्ग” के प्राचार्य पदोन्नति काउंसलिंग के नियमों-निर्देशों को तत्काल संशोधित करके निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से काउंसलिंग प्रक्रिया को संपन्न कराये जाने की मांग की हैं। उन्होंने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तथा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय से मांग की हैं कि, “टी संवर्ग” प्राचार्य पदोन्नति की काउंसलिंग प्रक्रिया की आनुपतिक सूची 2:1:1 को संशोधित किये जाने की आवश्यकता हैं क्योंकि प्राचार्य पदोन्नति के निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप काउंसलिंग प्रक्रिया होनी चाहिए, जिसमें प्रथमत: नियमित व्याख्याता, नियमित प्रधान पाठक माध्यमिक शाला, व्याख्याता एल.बी. संवर्ग की क्रमांनुसार काउंसलिंग सूची तैयार की जानी चाहिए। काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए शासन के नियम अनुसार निर्धारित मानदण्ड अपनाये जाने चाहिए, जिससे काउंसलिंग में सम्मिलित प्राचार्य पदोन्नत दिव्यांगजन, रिटायर्ड होने में 6 माह/ 1 वर्ष की अवधि बाकी लोगों, अतिगंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों, महिलाओं, पुरुषवर्गों को अपनी पदस्थापना के लिए नियमानुसार अवसर मिल सकेंगे।
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से मांग कर कहा हैं कि “टी संवर्ग” की काउंसलिंग में सभी 1355 पदोन्नत प्राचार्यों को सम्मिलित किया जाना चाहिए, ताकि समानता के सिद्धांतों के अनुसार सभी 1355 पदोन्नत प्राचार्यों को काउंसलिंग के द्वारा अपनी पदस्थापना के लिए समान अवसर मिल सकें। उन्होंने शासन से “टी संवर्ग” प्राचार्य पदोन्नति के लिए पूर्व में जारी आदेशों के अनुरूप कार्यवाही कर सभी 1355 पदोन्नत प्राचार्यों को काउंसलिंग में शामिल करके, सभी के लिए समान मानदण्ड अपनाये जाने की मांग की हैं।
उन्होंने शासन से यह भी मांग की है कि प्राचार्य पदोन्नति की सूची में से रिटायर्ड हो चूके लोगों के स्थान पर उन्हीं के संवर्ग से वरिष्ठता के अनुसार प्राचार्य पदोन्नति की पूर्ण पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता, प्रधान पाठक माध्यमिक शाला, व्याख्याता एल.बी. संवर्ग को पदोन्नति सूची में सम्मिलित किया जावे। साथ ही प्राचार्य पदोन्नति से वंचित ऐसे सभी व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों की पात्रता अनुसार तथा रिक्त पद की उपलब्धता के अनुसार प्राचार्य पद पर यथाशीघ्र आगामी पदोन्नति की जावें।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर यह भी मांग की हैं कि माननीय हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ में “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के क़ानूनी मामले का अंतिम फैसला आने के बाद, माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के फैसले के अनुरूप तत्काल कार्यवाही कर “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति का भी मार्ग शीघ्र प्रशस्त किया जावें और “ई संवर्ग” के सभी पदोन्नत प्राचार्यों को काउंसलिंग में सम्मिलित कर प्राचार्य पद पर पदस्थापना आदेश जारी किया जावे। इससे प्रदेश के प्राचार्यविहीन समस्त विद्यालयों में पदोन्नति के बाद पूर्णकालिक प्राचार्य के पदस्थ होने से विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी तथा प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता में वृद्धि के साथ शिक्षा का स्तर और ऊँचा हो सकेगा।