ग्राम पंचायत गीरोला में लाखों की गड़बड़ी उजागर: बिना सचिव हस्ताक्षर के हुए लाखों रुपये के भुगतान, RTI से हुआ खुलासा
कोंडागांव: ग्राम पंचायत गीरोल में विकास कार्यों के नाम पर हुए खर्च की जब सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी, तो अनियमितता की परतें खुलनी शुरू हो गईं। RTI से प्राप्त दस्तावेजों में यह बात सामने आई है कि पंचायत में कुर्सी-टेबल, महिला स्नान गृह, स्ट्रीट लाइट, बोर खनन कंप्यूटर के नाम पर मोबाइल दुकान के नाम पर मुरमिकरण ,स्टेशनरी पंचायत मोटीफाई मूलभूत के नाम पर मोटर वाइंडिंग के नाम पर जरूरतमंद लोगों को राशन देने के नाम परआदि कार्यों के नाम पर लगभग 5 वर्षों में लाखों रुपये की राशि आहरित की गई, जबकि ज़मीनी स्तर पर ऐसे कार्य मौजूद ही नहीं हैं।
बिना जीएसटी नंबर व सचिव के हस्ताक्षर के बिना हुए भुगतान
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि कई वाउचर और बिल बिना किसी जीएसटी नंबर के लगाए गए, और उन पर सचिव के हस्ताक्षर तक नहीं हैं। इसके बावजूद, केवल सरपंच के हस्ताक्षर के आधार पर राशि आहरित कर ली गई। यह सीधा संकेत देता है कि इस गड़बड़ी में जिला पंचायत व जनपद पंचायत स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका है।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में
इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि पंचायत में सुनियोजित भ्रष्टाचार हुआ है, जहाँ:
पंचायत प्रतिनिधियों ने मिलकर फर्जी बिल और अधूरे वाउचर तैयार किए।
सचिव की भूमिका को सिर्फ बचाव के लिए सीमित रखा गया, लेकिन भुगतान प्रक्रिया में उसे दरकिनार कर दिया गया।
जनपद और जिला पंचायत के कर्मचारियों द्वारा भी बिना सत्यापन के बिल पास करना, उनकी भूमिका को संदेहास्पद बनाता है।
ग्रामीणों में आक्रोश, निष्पक्ष जांच की मांग
ग्रामीणों ने इस मामले की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस प्रकार बिना सचिव के हस्ताक्षर के ही लाखों रुपये आहरित हो सकते हैं, तो यह भ्रष्टाचार सिर्फ पंचायत तक सीमित नहीं, बल्कि ऊँचाई तक फैला हुआ है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि:
सभी भुगतान वाउचरों और बिलों की जांच की जाए।
सचिव की भूमिका और उनकी अनुपस्थिति में राशि आहरण की विधि की जांच की जाए।
इस मामले में सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
और भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए पारदर्शी प्रणाली लागू की जाए।
जनता की गाढ़ी कमाई का इस तरह दुरुपयोग लोकतंत्र के साथ धोखा है।