
,,खाद चोरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार,, सरकारी गोदाम से चोरों ने पार किया 40 बोरा खाद
जगदलपुर inn24( रविंद्र दास) उप पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह वीणा के मार्ग दर्शन में लगातार अपराधिक तत्वों पर कार्यवाही की जा रही है जिसके तारतम्य में खाद गोदाम से चोरी करने वाले आरोपियों को पकड़ने में आज सफलता मिली है। प्रार्थी रमेश कुमार निवासी अनुकुल देव वार्ड करकापाल ने थाना आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 03.07.2023 के रात्रि 10 बजे से दिनांक 04.07.23 के 06 बजे सुबह आदिम जाति सहकारी समिति मर्यादित खाद गोदाम मंगडुकचोरा का शटर उठाकर 40 बोरा पोटास को अज्ञात चोर द्वारा चोरी करने की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया था। जिस तारतम्य में उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा, अति. पुलिस अधीक्षक श्रीमती निवेदिता पाॅल के मार्गदर्शन एवं नगर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के पर्यवेक्षण में अलग-अलग टीम गठित किया गया।मामले में गठित टीम द्वारा माल-मुल्जिम की पतासाजी लगातार की जा रही थी कि मुखबीर द्वारा संदेहियों की ग्राम बाबू सेमरा और बुरुंदवाड़ा सेमरा होने की सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराकर उनके दिशानिर्देशन पर आरोपी को पड़कने के लिये टीम रवाना किया गया। उक्त टीम के द्वारा संदेहियो का पहचान कर, उसे घेराबंदी कर पकड़ा गया जिनसे पूछताछ करने पर अपना-अपना नाम मंगल सिंह, हीरालाल बघेल, सोहन बघेल निवासी बुरूंदवाडा व गोलू बघेल उर्फ रवि,जयमन कश्यप, तरूण नाग उर्फ गंटू निवासी बाबू सेमरा तथा अमृत मण्डल निवासी कुम्हारपारा गुरूघासी दास वार्ड जगदलपुर का रहने वाला बताये। जिनसे चोरी के संबंध में विस्तृत पुछताछ करने पर बताया कि सभी ने घटना दिनांक को गोदम में रखा 40 बोरी खाद को सटर ताला तोड़कर चोरी किये जिसे आटो बुलाकर ले जाकर 30 बोरा बेच देना स्वीकार किये है, जिसे आरोपियो के निशानदेही पर 10 बोरा पोटास खाद व नगदी रकम 25,000 रूपये को बरामद कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिसे न्यायिक रिमांड पर न्यायालय पर रवाना किया गया है।बरामद संपत्ति10 बोरा पोटास खाद कीमती करीबन 17,000 एवं नगदी रकम 25,000/-रूपये कुल जुमला – 42,000/-रूपये
*महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले* *अधिकारीनिरीक्षक – लीलाधर राठौरसहा0निरी0 – लंबोदर कश्यपप्रआर0- मयाराम नेतामआरक्षक – रवि सरदार, युवराज सिंह ठाकुर, अजय एक्का, धनंजय बघेल*