खदान, मैदान के बाद १६ जून को कुसमुंडा कार्यालय का महाघेराव…. लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण की मांग को लेकर भू विस्थापित किसान करेंगे अनिश्चित कालीन घेरा डालो,डेरा डालो आंदोलन…. अधिकार मांगने का नहीं छीनने का समय आ गया है – प्रशांत झा…

कोरबा जिले के एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन की उदासीन नीतियों की वजह से आये दिन कुसमुंडा खदान से लेकर बसावट के लिए खोजी जा रहे हैं मैदान में आंदोलन देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ द्वारा मोर्चा खोलते हुए अब कुसमुंडा प्रबंधन कार्यालय का महा घेराव करने की चेतावनी दी गई है

 

संघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण की मांग को लेकर कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपते हुए 16 जून को कुसमुंडा कार्यालय का महाघेराव की घोषणा के साथ 26 जून को कुसमुंडा खदान का महाबंद की चेतावनी एसईसीएल को दी है।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भू विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं अब अपने अधिकार को छिन कर लेने का समय आ गया है। विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था।कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की किसी सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय ही नहीं है।विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्सा को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले पैसा और ठेका नहीं, स्थाई रोजगार देना होगा, छोटे-बड़े सभी खातेदार को नौकरी देना होगा। भू विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। उल्लेखनीय है कि 31अक्टूबर 2021 को लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र में 12 घंटे खदान जाम करने के बाद एसईसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के किसान 588 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं। इस आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ किसान सभा शुरू से ही उनके साथ खड़ी है।

किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है।किसान सभा भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर उग्र आंदोलन की तैयारी कर रही है।भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव,रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह कंवर ठकराल ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।

एसईसीएल कुसमुंडा कार्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भू विस्थापित किसान एकजुट हुए भू विस्थापितों ने कहा की 16 जून को कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के महाघेराव में प्रभावित गांव के हजारों पीड़ित भू विस्थापित परिवार सहित शामिल होंगे इस महाघेराव को गेवरा दीपका के भी भू विस्थापितों ने अपना समर्थन दिया है इस बार समस्याओं के समाधान तक अनिच्छित कालीन घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन होगा। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से बृजमोहन दीननाथ,लंबोदर,जय कौशिक,बसंत चौहान, घनाराम, फिरथ लाल, उत्तम दास,हेमदास, शिवदास, नरेश दास, रामखिलावन, जितेंद्र, होरीलाल,अनिल बिंझवार, हेमलाल, हरिहर पटेल, कृष्णा के साथ प्रभावित भू विस्थापित उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *