कोराना के बाद कोलकाता में मिला किलर प्लांट फंगस का पहला केस, जानें क्या है बीमारी

देश में कोरोना के सामने आ रहे आंकड़े एक बार फिर से लोगों को डरा रहे हैं, लेकिन इस बीच कोलकाता से एक और डराने वाली खबर सामने आ रही है. कोलकाता में एक 61 साल के शख्स के पौधे से संक्रमित होने का मामला सामने आया है.

यह दुनिया का पहला ऐसा मामला माना जा रहा है जहां किसी पौधे से इंसान में संक्रमण फैला है. यह शख्स किलर प्लांट फंगस नाम की बीमारी का शिकार हो गया. दरअसल, कोलकाता के एक 61 वर्षीय शोधकर्ता ने मशरूम पर सालों तक रिसर्च किया, वो एक माइकोलॉजिस्ट हैं. माइकोलॉजिस्ट सड़ने वाली सामग्री, मशरूम और विभिन्न किस्म के पौधों के फंगस पर रिसर्च करते हैं.

फंगस से संक्रमित होने के बाद उस व्यक्ति का इलाज कोलकाता के एक अस्पताल में किया गया था और इसके बाद वह ठीक हो गया है. कोलकाता के अपोलो मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम द्वारा संकलित इस मामले के निष्कर्षों पर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़ने वाली सामग्री के बार-बार संपर्क में आने से यह दुर्लभ संक्रमण हो सकता है. यह केस रिपोर्ट पौधों के फंगस के साथ ज्यादा पास से संपर्क होने पर मनुष्यों में पौधों के रोगजनकों के क्रॉसओवर को प्रदर्शित करती है.

ये मामला हाल ही में मेडिकल माइकोलॉजी केस रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस केस में शामिल डॉक्टरों ने कहा कि चोंड्रोस्टेरियम परप्यूरियम  के रूप में जाना जाता है, जो पौधों में सिल्वर लीफ डिजीज की वजह से होता है. इसमें लगा फंगस पौधों को घावों के जरिए से संक्रमित करता है, जिससे पत्तियां चांदी जैसे कलर की हो जाती है और बाद में शाखा की मौत हो जाती है.

किलर प्लांट फंगस के ये हैं लक्षण

निगलने में कठिनाई
थकान
खांसी
एनोरेक्सिया
कर्कश, भारी आवाज

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