Chhattisgarh

कुसमुंडा जीएम कार्यालय का भूविस्थापितों ने किया घेराव, दिनभर बाद मिला आश्वासन

सतपाल सिंह

प्रेस विज्ञप्ति- 07/10/2025

कुसमुंडा जीएम कार्यालय का भूविस्थापितों ने किया घेराव, दिनभर बाद मिला आश्वासन

लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण और पुनर्वास समेत 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 7 घंटे कार्यालय घेराव के बाद 2 घंटे तक कार्यालय के अंदर बैठे भू विस्थापित

लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हुआ

छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण,बसावट, एवं प्रभावित गांव में मूलभुत सुविधा उपलब्ध कराने के साथ 10 सूत्रीय मांग को लेकर कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव 6 अक्टूबर को घोषणा अनुसार सुबह 10 बजे से 5 बजे तक कुसमुंडा कार्यालय का घेराव कर दिया जिससे मुख्य गेट से कोई कर्मचारी आना जाना नहीं कर पाए। इसके बाद नारेबाजी करते हुए रैली निकालकर कार्यालय के अंदर घुसे भूविस्थापित जिससे माहोल तनावपूर्ण हो गया उसके बाद एसईसीएल प्रबंधन ने वार्ता के लिए आंदोलनकारियों से वार्ता शुरू की..

वार्ता में समस्याओं का समाधान नहीं होने कार्यालय के अंदर ही आंदोलनकारी बैठ गए जिसके बाद कुसमुंडा महाप्रबंधक ने 37 साल बाद एक लंबित रोजगार की स्वीकृति प्रदान होने की जानकारी दी एवं रुके हुए फाइलों को एसडीएम कार्यालय भेजने की सहमति दी साथ ही बिलासपुर में बैठक और रुके फाइल पर जल्द निराकरण के लिए बिलासपुर मुख्यालय के साथ संयुक्त बैठक कर निराकरण करने का लिखित आश्वासन दिया उसके बाद भू विस्थापनी का आंदोलन समाप्त हुआ ।

 

किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा की भू विस्थापितों को जमीन अधिग्रहण के बाद रोजगार से वंचित नहीं किया जा सकता जिनकी भी जमीन अर्जन की गई है उन्हे रोजगार देना होगा। भू विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण के लिए एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस पहल नहीं किया जा रहा है जिससे भू विस्थापितों में काफी आक्रोश है । एसईसीएल के अधिकारियों का ध्यान केवल भू विस्थापितों के अधिकारों को छीन कर आपस में लडवाकर केवल कोयला उत्पादन को बढ़ाने और उच्च अधिकारियों को खुश करने की है जिसमें जिला प्रशासन भी एसईसीएल के साथ खड़ी है लेकिन भू विस्थापित किसानों की एकजुटता के सामने कोई प्रबंधन टिकने वाली नहीं है आगे आंदोलन और तेज होगा।

 

किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर,सुमेंद्र सिंह कंवर,दीपक साहू ने कहा कि विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों का जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्सा को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले सभी खातेदारों को स्थाई रोजगार देना होगा। भू विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।

 

उल्लेखनीय है कि 31अक्टूबर 2021 को लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र में 12 घंटे खदान बंद करने के बाद एसईसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के किसान 1435 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं। इस आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ किसान सभा शुरू से ही उनके साथ खड़ी है।इस आंदोलन के कारण ही चालीस से अधिक पुराने रोजगार प्रकरणों में एसईसीएल को स्थाई रोजगार देना पड़ा है।

 

भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे और भू विस्थापित संघ से जुड़े भू विस्थापितों ने कहा कि सरकार को विस्थापितों को ऐसा जीवन प्रदान करना चाहिए जिससे उनको लगे की उन्होंने अपनी जमीन नहीं खोया है लेकिन सरकार गरीबों को जमीन पर लाकर खड़ा कर देती है। गरीबों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। आगे अन्य क्षेत्रों से संपर्क कर आंदोलन का और विस्तार किया जाएगा।

 

लगभग 9 घंटे तक घेराव प्रदर्शन के दौरान कार्यालय में माहोल तनावपूर्ण रहा। भू विस्थापितों द्वारा बिना कोई ठोस निर्णय के आंदोलन समापत करने से मना करने के बाद एक भू विस्थापित के रोजगार का एप्रूवल जारी करने का महाप्रबंधक ने जानकारी दी महाप्रबंधक ने बिलासपुर मुख्यालय में बैठक कर तत्काल रोजगार प्रकरणों के निराकरण का आश्वासन दिया जिसके बाद हड़ताल समाप्त हुआ किसान सभा ने एलान करते हुए कहा है कि भू विस्थापितों के समस्याओं पर सकारात्मक पहलकदमी नहीं होने पर 15 दिन बाद कोल परिवहन को बंद किया जाएगा।

 

घेराव में प्रमुख रूप से राजेश्वरी कौशिक,बंधन बाई,तेरस,संजय यादव,दीना नाथ,हरिहर,चंद्रशेखर,होरी,रघुनंदन,मुनीराम, डुमन,राजकुमार,गणेश,विजय कंवर,नरेंद्र,हेमलाल,नारायण,उत्तम,फीरत,नंदकुमार, मिलन,विनोद,शंकर,के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित शामिल थे ।

 

*प्रशांत झा*

छत्तीसगढ़ किसान सभा

 

*रेशम यादव*

अध्यक्ष

 

*दामोदर श्याम*

सचिव

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ