किकिरदा में नक्शा चढ़वाने 6 माह से किसान काट रहा पटवारी का चक्कर, कलेक्टर से हुई शिकायत पटवारी द्वारा बाहर के व्यक्ति को रखकर किया जाता है अवैध वसूली
जिला ब्यूरो सक्ती- महेन्द्र कर्ष

नवीन जिला सक्ती छत्तीसगढ़ में सरकार चाहे लाख सुशासन कि बात करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है, यहां बिना चढ़ावा कुछ काम नहीं होता। ताजा मामला हसौद तहसील के ग्राम किकिरदा का है जहां पटवारी छत्रपाल सूर्यवंशी द्वारा नक्शा आनलाईन करने के एवज में अपने एक निज सहायक के द्वारा किसान से पैसे कि डिमांड कि गई जब पैसा मिला नहीं तो किसान को 6 महीने से घूमाया जा रहा है वहीं पूरे मामले कि शिकायत अब कलेक्टर से कि गई है। मिली जानकारी के अनुसार हसौद तहसील के ग्राम किकिरदा निवासी लक्ष्मण केवट ने अपनी शिकायत में बताया कि मेरे खाता क्रमांक 1377 खसरा नं. 309/06, 0.08 डिसमील व अन्य खसरा ने. है। जिसमें खसरा 309/6 0.08 डिसमील का नक्शा (आनलाईन) नहीं चढ़ा है। खेत जमीन की (नाप) के लिए पटवारी हल्का नं. 09 के पटवारी छत्रपाल सूर्यवंशी को विगत जनवरी 2025 से जून 2025 तक लगातार उनके घर व कार्यालय जाकर जमीन (खेत का ना व नक्शा चढ़ाने की मिन्नते करता रहा पटवारी ध्यान नहीं दे रहा था। पटवारी विगत छः महीने से घुमा रहा था। में गरीब मजदूर अपने काम को छोड़कर पटवारी के अनुसार छुट तिथि को गर्मी के मौसम माह मई और जून के दोपहर में भी खेत जाकर पटवारी के इंतजार करतार या पटवारी जामदारखाताचा को देखकर अगले सप्ताह नापने के बाद ही नक्शा चढ़ायेगे (आनलाईन) कहा गया। बरसात लगने के पूर्व (खेत) जमीन की नाप की मिन्नते की लेकिन पटवारी पर कोई असर नहीं हुआ और ना ही नाप हुआ न ही नक्शा (आनलाईन) चढ़ा। आज दिनांक तन नहीं चढ़ा। पटवारी छत्रपाल सूर्यवंशी अपने साथ एक निज सहायक मल्दा निवास व्यक्ति रखा हुआ है। निज सहायक के द्वारा काम कराने के लिए खुले आम हर काम के लिए पैसों की मांग करता हैं जो पैसा देता है उसका कार्य तुरंत हो जाता है नहीं देता है उसे छः महीने से अधिक घुमाता है। काम नहीं होता है। मैं गरीब मजदूर मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के वजह से में पटवारी को हजारों रूपये देने में असमर्थ हूं। मेरा गरीबी स्थिति के कारण पटवारी द्वारा मेरा खाता क्र के खसरा नं. 309/6, 0.08 डीसमील व अन्य खसरा नं. का जमीन (खेत) का नक्शा (आनलाईन) नहीं चढ़ाया गया। विगत छः महीने बीत गये पटवारी के घर, कार्यालय का चक्कर काट रहा हूं। पटवारी हर कार्य बटवारा नाम फौती, नामांतरण, विक्रीनामा प्रतिवेदन बनाने हजारों हजारों रूपये की मांग करता हैं पैसा नहीं देने पर काम नहीं करता है। बाहरी व्यक्ति को रखा निज सहायक, हर काम में करता है पैसे कि डिमांड अब सवाल यह उठता है कि भष्ट्राचार व रिश्वखोरी के लिए शासन, प्रसाशन पटवारी को निज सहा. रखने क अनुमति दिया गया है क्या? अवैध रूप से पटवारी निज सहायक रखकर उनके द्वारा किसानों से काम करवाने के एवज में बड़े पैमाने पर मोल भाव कर पैसा लिया जाता है, तब जाकर किसानों का काम होता हैं, पटवारी द्वारा निज सहायक को खुला देकर किसानों से पैसा वसूला जा रहा है। किसान अपना कार्य करवाने के लिए मुंह तक मह खोल रहे है। पटवारी के निज सहायक के द्वारा कहा जाता है कि पैसा दोगें तो काम होगा नहीं दोगें तो काम नहीं होगा जहां शिकायत करना हो कर सकते हो पैसा बोलता है। पटवारी से पावर ज्यादा निज सहायक दिखाता है। मैं गरीब मजदूर निज सहायक पटवारी को हजारों रूपये देने में असमर्थ हूं। इसीलिए पटवारी द्वारा खेत, जमीन की नाप व नक्शा (आनलाईन) विगत छः माह बीत जाने पर भी नहीं चढ़ाया गया। वही पूरे मामले कि शिकायत किसान ने कलेक्टर से कर न्याय कि गुहार लगाई है।वहीं इस प्रकार की पटवारी की मनमानी शक्ती जिले के कई गांव में देखने को मिलती है जहां किसान अपने खुद की जमीन को अपने नाम चढ़ाने और ऑनलाइन कराने के लिए पटवारी की लगाते है चक्कर, छोटे छोटे से काम के लिए किसान को होना पड़ता हुई परेशान।।