कला संकाय के व्याख्याताओं का सेवाकालीन प्रशिक्षण संपन्न हुआ
ब्लाक रिपोर्टर सक्ती- उदय मधुकर
ब्लाक रिपोर्टर सक्ती- उदय मधुकर
सक्ती: सक्ती जिला अंतर्गत मालखरौदा एवं सक्ती विकास खण्ड के समस्त कला संकाय के व्याख्याताओं का तीन दिवसीय सेवाकालीन प्रशिक्षण दिनांक:- 12/12/2024 से दिनांक:- 14/12/2024 तक डाइट जांजगीर में सम्पन्न हुआ इसके पहले आफलाइन प्रशिक्षण दिनांक:- 8/12/2024 से दिनांक:- 11/12/2024 तक चला था इस तरह से कला संकाय के व्याख्याताओं का 30 घंटे का कार्यशाला आयोजित किया गया जिसमें आनलाइन के माध्यम से 12 घंटे एवं आफलाइन के माध्यम से 18 घंटे का प्रशिक्षण सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। हमारे कला संकाय के अंतर्गत चार विषयों भूगोल, इतिहास, राजनीति एवं अर्थशास्त्र के मालखरौदा एवं सक्ती विकास खण्ड के समस्त व्याख्याताओं का सेवाकालीन प्रशिक्षण कराया गया। जिसमें हमारे मास्टर ट्रेनर के रुप में श्री शोलेष कुमार राठौर जी व्याख्याता शा. उ. मा. वि. लवसरा एवं श्री योगेश कुमार साहू जी शा. उ. मा. वि. हसौद द्वारा आफलाइन एवं आनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सामाजिक विज्ञान विषयों के अध्ययन के प्रति छात्र छात्राओं में रुचिकर बनाने हेतु आई सी टी लेब के माध्यम से अध्यापन कराने पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही साथ मास्टर ट्रेनर राठौर सरजी जी द्वारा बताया गया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति NAP 2020 के लागू करने संबंधी जानकारी एवं NCF 2005 राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा पर परिचर्चा एवं केनवा एप्श के माध्यम से PPT, इन्फोग्राफिक टांपिक से संबंधित PDF तैयार करके ICT Lab का उपयोग करके छात्र छात्राओं में सामाजिक विज्ञान शिक्षा को रोचक बनाया जा सकता है।
मास्टर ट्रेनर साहू सरजी द्वारा प्रशिक्षण में बताया गया कि बालकेन्द्रित शिक्षा, CPD सतत् व्यवसायिक विकास एवं ब्लूप्रिंट के आधार पर बोर्ड परीक्षा हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी की तैयारी पर विशेष जोर दिया गया।
सक्ती जिला के अंतर्गत मालखरौदा एवं सक्ती विकास खण्ड के कला संकाय के लगभग 70 व्याख्याताओं ने आफलाइन एवं आनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। प्रशिक्षण प्राप्त शा उ मा वि सकर्रा के व्याख्याता तरुण कुमार कुर्रे ने बताया कि यह प्रशिक्षण सामाजिक विज्ञान एवं कला संकाय के समस्त विषयों भूगोल, इतिहास, राजनीति, अर्थशास्त्र के अध्यापन में एवं छात्र छात्राओं को ICT lab के माध्यम से अध्यापन कराने में काफी लाभदायक होगी। वहीं अन्य व्याख्याताओं ने भी इस प्रशिक्षण को कला संकाय के विषयों के अध्यापन में एक कारगार साबित होगा। इस प्रकार से प्रशिक्षण संपन्न हुआ।