एसईसीएल कुसमुंडा खदान में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया नियम हो रहा कारगार, नीलकंठ ठेका कंपनी भी सभी सुविधाओं के लिए कर रही कार्य
ओमकार यादव

एसईसीएल कुसमुंडा खदान में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया नियम हो रहा कारगार, नीलकंठ ठेका कंपनी भी सभी सुविधाओं के लिए कर रही कार्य
कोरबा – जिले के एसईसीएल कुसमुंडा खदान में बीते दिनांक 20/08/2025 से महाप्रबंधक कुसमुंडा क्षेत्र द्वारा खदान सुरक्षा के संबंध में बहुत ही सराहनीय पहल किया है जो की खदान सुरक्षा नियमानुसार उचित भी है क्योंकि आए दिन दो पहिया वाहन से किसी न किसी वस दुर्घटना होने की अधिक संभावना रहती थी लेकिन एक सप्ताह से कुसमुंडा खदान में पूर्ण रूप से दोपहिया वाहन की एंट्री पर लगाम लगाकर महाप्रबंधक एस टी पाटिल कुसमुंडा क्षेत्र एवं नीलकंठ कंपनी ने सराहनीय कार्य किये है!
इस कार्य के शुरू होने के पहले चरण में हजारों की संख्या में कामगारों को ड्यूटी स्थल लाने ले जाने में कुछ दिक्कतो का समाना भी करना पड़ रहा है, जैसे ठेका कंपनी ( मेंसर्स नीलकंठ इन्फ्रा माइनिंग लिमिटेड)अपने अपने कर्मचारियों को निर्धारित स्थल से कार्य स्थल तक लाने एवं जाने हेतु जो भी संसाधन का व्यवस्था किया गया है जिनमें उनके प्रबंधक द्वारा कहा गया है की कर्मचारियों को वाहन में बैठकर ही कार्य स्थल पर आना है , अधिक कर्मचारी है तो कृपया वाहन के द्वार पर लटक के ना जाए ,ऐसा कंपनी प्रबंधक भी अपने समस्त कर्मचारियों को लाने एवं जाने में कुछ कठिनाइयां हो रही है तो प्रबधक इस संबंध में निर्धारित पार्किंग एरिया लाइटिंग, सी सी कैमरा एवं उपयुक्त वाहन जल्द ही बारिश के मौसम को देखते हुए लगभग 10 से 15 दिन के अंदर पार्किंग की उत्तम व्यवस्था कर लेगी , क्यों की सुरक्षा की परम कर्तव्य है ,यही मूल मंत्र भी इसके अतिरिक्त मेसर्स नीलकंड इन्फ्रा माइनिंग लिमिटेड कंपनी ने हमेशा से कर्मचारियों हित को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रहित के कार्य हेतु अपने सभी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण जैसे हेटमेट , जूता , फ्लोरोसेट जैकेट,आई कार्ड इत्यादि मुहैया करा चुका है ,इसलिए सभी कर्मचारी सुरक्षा उपकरण के साथ ही कार्य स्थल पर आए,प्रबंधक द्वारा बार बार सूचना पत्र के माध्यम से सभी कर्मचारियो को अवागत कराया जा चुका है |इसलिए इस सराहनीय निर्णय में सभी ठेका कंपनिया एवं कर्मचारी धन्यवाद देते है , की खदान क्षेत्र में दो पहिया वाहन वर्जित विलम्ब से ही सही परंतु हुआ तो,जिसमे रोजाना कर्मचारी जान जोखिम में डालकर कार्य हेतु दो पहिया वाहन से आते जाते थे, इस कार्य में यह भी बताया जा रहा है की कुछ लोग को यह निर्णय हजम नही हो रहा , और दो पहिया वाहन कैसे पुन: खदान में लेकर आए,इस ताक में आज भी लगे हुए है,इसका कारण हाजरी लगाकर वापस भागना भी एक कारण है |