Chhattisgarh

उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ छठ महापर्व का समापन,

 

जगदलपुर । भगवान सूर्य की उपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व आज उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही समाप्त हो गया। सुबह से ही बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर नगर के महादेव घाट, गंगामुंडा तालाब, दलपत सागर और इंद्रावती नदी घाट में छठ व्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने 36 घंटों के कठिन व्रत का समापन किया।

दरअसल चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा की शुरुआत शनिवार से  नहाय-खाय के साथ हुई थी,रविवार को खरना के बाद महिलाओं का निर्जला व्रत शुरू हो गया था और वही सोमवार को शाम में डूबते सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद आज मंगलवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाओं ने मंगलकामना करते हुए अपना व्रत समाप्त किया।

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष किरण देव ने आज सुबह गंगा मुंडा तालाब पहुंच सभी छठ व्रती महिलाओं से मुलाकात कर उन्हें छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि उपासना का यह पर्व पहले केवल पूर्वांचल और उत्तरप्रदेश में ही मनाया जाता था लेकिन सूर्यदेव और छठी मैया की कृपा से अब छठ महापर्व पूरे देश में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वह पूरे प्रदेश वासियों को इस महापर्व की शुभकामनाएं देते हैं।
वहीं सांसद महेश कश्यप ने कहा कि छठ महापर्व के समापन के अवसर पर वह बस्तर और देश वासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं और बधाई देते हैं । उन्होंने कहा कि वह भगवान सूर्य से हम सभी को दीप्तिमान बनाए रखने की प्रार्थना करते हैं।

 

वहीं समाज सेवी बस्तर के ट्री मैन नाम से मशहूर सम्पत झा ने बताया पौराणिक कथा के अनुसार कि छठ महापर्व शुरुआत माता सीता ने तब की थी जब प्रभु श्रीराम लंका जीतकर वापस अयोध्या आए थे। उन्होंने कहा छठ पूजा मूलतः संतान के कल्याण के लिए किया जाने वाला व्रत है।