जगदलपुर । NSUI प्रदेश सचिव छात्रनेता माज़ लिल्लाह ने कहा कि साल 2016 में छात्रसंघ चुनाव हुए। इसके बाद छात्र प्रतिनिधियों का चुनाव ही नहीं हुआ। यही कारण है कि सही तरीके से कॉलेज य विश्वविद्यालय के सामने विद्यार्थी अपनी बात रख ही नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए ही छात्रसंघ चुनाव किया जाता है, लेकिन इस पर सरकार ने ही पाबंदी लगा दी। छात्रसंघ चुनाव नहीं होने से विश्वविद्यालय की कार्य परिषद और कॉलेजों की जनभागीदारी समितियों से भी विद्यार्थियों का दखल खत्म कर दिया गया है, जबकि ये जरूरी है। यदि छात्र संघ का प्रतिनिधि होता तो आज जो प्राध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में बवाल हो रहे हैं ,वह नहीं होते,एक ओर प्रदेश सरकार शिक्षा के नाम पर दंभ भरती है, और दूसरी ओर 10000 से अधिक स्कूलों को बंद किया जा रहा है ,और शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाई जा रही है,यही उपलब्धि इस प्रदेश सरकार की है ।