इस प्रदेश में जुलाई से तेल भरवाने वाले टू-व्हीलर्स की खरीदी पर लगी रोक केंद्र शासित प्रदेश में दिसंबर से कारों पर भी लगेगी रोक

Stopping on the purchase of to-wheellers from the oil-standing oil from July in this state
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में इलेट्रिक वाहनों के अपनाने को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने जुलाई से ईंधन आधारित (पेट्रोल) दोपहिया वाहनों का पंजीकरण बंद करने की अपनी योजना का एलान कर दिया है। इस बीच, दिसंबर 2023 से ईंधन आधारित (पेट्रोल-डीजल) कारों का पंजीकरण भी बंद कर दिया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि उसकी इलेट्रिक वाहन नीति के तहत इंटरनल कंब्शन इंजन (आईसीई) वाहनों की तय संख्या वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इन समय सीमाओं में पूरी हो जाएगी।
सितंबर में शुरू हुई ईवी नीति …चंडीगढ़ ने अपनी ईवी पॉलिसी पिछले साल सितंबर में शुरू की थी, जो अगले पांच सालों तक लागू रहेगी केंद्र शासित प्रदेश का लक्ष्य आने वाले वर्षों में धीरे-धीरेइलेट्रिक वाहनों पर स्विच करना है औरइस तरह के कदमों का मकसद ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को आईसीई वाले वाहनों के बजाय इलेट्रिक वाहनों का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है। ईवी नीति के अनुसार, शहर में एक वित्तीय वर्ष में लगभग 6, 201 आईसीई दोपहिया वाहनों का पंजीकरण किया जा सकता है। इस सीमा के बाद इसके बजाय सिर्फ ईवी का ही रजिस्ट्रेशन होगा।
इस साल 4,032 दोपहिया वाहनों का पंजीकरण चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा –उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल, 2023 से शहर में लगभग 4,032 आईसीई दोपहिया वाहनों का पंजीकरण किया जा चुका है।
ऐसा करने वाले देश का पहला शहर..चंडीगढ़ शहर में देश में सबसे ज्यादा व्हीकल डेंसिटी (वाहन घनत्व) है। इसके साथ ही चंडीगढ़ व्हीकल रजिस्ट्रेशन पर इस तरह के प्रतिबंध का एलान करने वाला पहला भारतीय शहर बन गया है। प्रशासन ने हालांकि यह खुलासा नहीं किया है कि आईसीई वाहनों के मौजूदा इकोसिस्टम को सपोर्ट करने की उनकी क्या योजना है। इसमें डीलरशिप, बिक्री करने वाले कर्मचारी, व्हीकल ईवेंट्री और बहुत कुछ शामिल हैं।