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इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में मनाया गया शाला प्रवेश उत्सव,तिलक लगाकर प्राचार्य महोदय ने स्वागत किया विद्यार्थियों का,दी उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं

विद्यार्थी ,विद्यालय रूपी बगिया की वो फुलवारी जिनके आगमन से महक उठता है विद्यालय का गुलशन- डॉक्टर संजय गुप्ता।

बालक’ को उसके उच्चतम स्तर तक विकसित करना,बच्चों को साक्षर बनाना और मानव संसाधन विकसित करना,मूल्यों, मानदंडों, विश्वासों और परंपराओं को प्राप्त करने में शिक्षार्थियों की मदद करना,अंत:क्रिया के माध्यम से शिक्षार्थियों में सामाजिक भूमिकाओं के बारे में अनौपचारिक संकेत देना प्रत्येक विद्यालय का कर्तव्य होता है।

विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए प्रवेश उत्सव मनाया जाता है ताकि

नए विद्यार्थियों का स्वागत किया जा सके।

नए विद्यार्थियों को प्रवेश उत्सव के दौरान, विद्यालय के नियमों, पाठ्यक्रम और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है।

प्रवेश उत्सव के दौरान, नए विद्यार्थियों को विद्यालय के वातावरण में ढलने में मदद मिलती है और वे अपने नए साथियों और शिक्षकों से परिचित हो पाते हैं।

प्रवेश उत्सव के दौरान, विद्यालय की संस्कृति और मूल्यों को प्रदर्शित किया जाता है और नए विद्यार्थियों को इनके बारे में जानकारी दी जाती है।

विद्यार्थियों को विद्यालय के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी जाती है और उन्हें इनके प्रति प्रेरित किया जाता है।

विद्यार्थियों के बीच संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया जाता है।प्रवेश उत्सव के दौरान, नए विद्यार्थियों को अपने साथियों से मिलने का अवसर मिलता है और वे आपस में संबंध बना पाते हैं।

इस दौरान, विद्यार्थियों के बीच मित्रता और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया जाता है और उन्हें एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

*उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में शाला* प्रवेश उत्सव बड़ी शालीनता एवं अनुशासन के साथ मनाया गया।सर्वप्रथम सभी विद्यार्थियों को विद्यालय के *प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने* विद्यालय के मुख्य द्वार से तिलक लगाकर स्वागत किया एवं विद्यालय में प्रवेश दिलाया।सभी नवप्रवेशी एवं पूर्व प्रवेशित विद्यार्थियों को प्राचार्य महोदय ने तिलक लगाया तथा पुष्पों से स्वागत कर विद्या की देवी माँ सरस्वती की वंदना के साथ शाला प्रवेश कराया। *प्राचार्य महोदय ने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य* की कामना की एवं कहा कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के पश्चात विद्यालय में पुनः पदार्पण का एहसाह बहुत उम्दा होता है। हमें विद्यालय में बहुत सारे नए दोस्त,सहपाठी मिलते हैं।हम एक नई ऊर्जा के साथ अपने शैक्षणिक लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आगे बढ़ते हैं।हम पूरी तरह से मानसिक रूप से अध्ययन हेतु तैयार होते हैं।हमारे कंधों पर महज कोई बस्ता नहीं अपितु हमारे माता – पिता के सपने और उम्मीदों के बोझ अर्थात जिम्मेदारी होती है जो हमें भटकने नहीं देती।हम सतत एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहते हैं।विद्यालय एक परिवार जैसा होता है जहाँ हममें निरन्तर सामाजिक ,मानसिक,नैतिक, चारित्रिक,शारीरिक विकास होता रहता है।ग्रीष्मकालीन अवकाश के पश्चात विद्यालय के पट विद्यार्थियों को अपना भविष्य साकार करने का मार्ग प्रशस्त करता है।बच्चों का बालमन और निश्छल मुस्कान सहसा ही सबका ध्यान आकर्षित करती है।विद्यार्थियों के आगमन से विद्यालय रूपी बगिया की फुलवारी विद्यार्थी रूपी पुष्पों से गुलजार हो जाता है।