आशीष अग्रवाल ने 5 वीं बार रक्तदान कर लोगों को दिया रक्तदान महादान का संदेश.
चांपा – रक्तदान महादान की परिकल्पना के साथ नगर के युवा उद्योगपति आशीष अग्रवाल ने आज पितृ पक्ष में अपनी माताजी की पुण्यतिथि के अवसर पर अपना पांचवा रक्तदान किया। वे आयुष्मान ब्लड बैंक बरपाली चौक में जाकर अपना ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव का रक्तदान किया। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की इससे पहले वे कोरोना कॉल के समय में 3 महीने के अंदर में दो बार बहुत ही जरूरतमंद गर्भवती महिला को अपना रक्तदान दिया उसके बाद एचडीएफसी बैंक के 25 वर्ष पूर्ण होने पर उन्होंने बैंक पर रक्तदान किया एवं अग्रसेन जयंती के अग्रवाल समाज के रक्तदान शिविर पर ब्लड दिया था।
आशीष अग्रवाल एक युवा उद्योगपति के साथ साथ।दादी जी और श्याम बाबा जी के अनन्य भक्त भी है और सामाजिक कार्यों में लगातार सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। वे inn24 न्यूज़ और सवाल आपका के डायरेक्टर एवं स्पेशल कॉरस्पॉडेंट छत्तीसगढ़ दैनिक दबंग केसरी के बिलासपुर संभाग ब्यूरो दैनिक संदेश के बिलासपुर संभाग ब्यूरो भी हैं
उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार से एक माता-पिता के द्वारा बेटी का कन्यादान करने का महत्व और पुण्य होता है, ठीक उसी प्रकार हर एक व्यक्ति के लिए अपने जीवन में रक्तदान का महत्व है क्योंकि रक्तदान महादान है और हम इससे किसी जरूरतमंद व्यक्ति की जान बचा सकते हैं। अपने एवं अपने परिवार के लिए हर इंसान करता है, पर जो दूसरों के लिए सोचता है या जरूरतमंदों को उसकी ज़रूरतें को पूरा करता है वह भी एक पुण्य का काम है,और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में रक्तदान करना चाहिए।
रक्तदान पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि रक्तदान से पहले आपकी जांच होती है और आप उसके लायक हैं तभी आपको रक्तदान के लिए कहा जाता है, किसी भी तरह की समस्या या रक्त की कमी होने पर वे स्वयं ही आपको मना कर देते हैं, रक्तदान करने का एक वैज्ञानिक महत्व भी है कि इससे शरीर में रक्त प्रवाह अच्छा होने लगता है और रक्त तेजी से बनने लगता है, रक्तदान रक्त में आयरन के अतिरिक्त स्तर को कम करने में मदद कर सकता है जिससे हेमोक्रोमैटोसिस को रोका जा सकता है। रक्तदान से कमजोरी नहीं आती। प्रकाशित साहित्य के अनुसार, रक्त की मात्रा (प्लाज्मा) 24-48 घंटों के भीतर पुनः भर जाती है। दान के बाद स्वस्थ वयस्कों में लाल रक्त कोशिकाओं की पूर्ति 3-4 सप्ताह में हो जाती है। और स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने बाद रक्तदान कर सकता है।
रक्तदान का महत्व न केवल उन हजारों लोगों की जान बचाना है जो जीवन से वंचित हैं, बल्कि कई अन्य लोगों की जान बचाना भी है जो विभिन्न बीमारियों से प्रभावित हैं और उन्हें कई बीमारियों से लड़ने में मदद करना है।