आबकारी उप निरीक्षक के कार्य शैली के चलते अकलतरा क्षेत्र में अवैध शराब व कच्ची शराब की बिक्री जोरों पर

अकलतरा क्षेत्र में आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। क्षेत्र में अवैध और कच्ची शराब का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है, लेकिन विभाग की निष्क्रियता और मिलीभगत की आशंकाओं ने आमजन में असंतोष पैदा कर दिया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि आबकारी उप निरीक्षक शिल्पा दुबे की कार्यशैली ही अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रही है। बड़ी मछलियों को छोड़कर छोटी मछलियों पर कार्रवाई कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह व्यापार इस स्तर तक पहुंचा है।
बड़ी मछलियों को ‘अभयदान’, छोटी मछलियों पर दिखावे की कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, शिल्पा दुबे का अवैध शराब कारोबार में लिप्त बड़े व्यापारियों से गहरा संबंध है, जिसकी वजह से उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। जब भी मीडिया या आमजन सवाल उठाते हैं तो बहानेबाज़ी कर मामलों को टाल दिया जाता है। कभी स्टाफ की कमी का रोना रोया जाता है तो कभी स्वास्थ्य का हवाला देकर कार्रवाई से बचा जाता है।
आदिवासी बहुल क्षेत्र में कच्ची शराब का साम्राज्य
अकलतरा एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां गांव-गांव में कच्ची शराब का निर्माण और विक्रय होता है। यह न सिर्फ सामाजिक ढांचे को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि इससे अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। बावजूद इसके, विभाग की उदासीनता निंदनीय है।
होटलों और ढाबों में खुलेआम शराब परोसना
अकलतरा क्षेत्र के होटलों और ढाबों में शराब की खुलेआम बिक्री और पिलाई हो रही है, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। विभाग के अधिकारी शिकायतों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते, फोन उठाना तक जरूरी नहीं समझते।
पत्रकारों का इस्तेमाल, और घोटाले में संरक्षण
जानकारी के अनुसार, कुछ छुट भैया पत्रकारों को विभाग द्वारा खबरी बनाकर संरक्षण दिया गया है, जिससे शराब माफियाओं से मोटी रकम वसूली जाती है। इससे स्पष्ट है कि पूरे नेटवर्क में एक संगठित भ्रष्टाचार कार्यरत है।
क्या भाजपा सरकार लेगी संज्ञान
भले ही राज्य में भाजपा की सरकार हो और शराब घोटालों की जांच चल रही हो, लेकिन अकलतरा क्षेत्र में अवैध शराब कारोबारियों को संरक्षण मिलना सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
अब देखने वाली बात यह है कि क्या दोषी अधिकारियों पर कोई कठोर कार्रवाई होगी या उन्हें राजनीतिक संरक्षण देकर अभयदान दे दिया जाएगा।