
जगदलपुर । बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में नगर के मध्य कांग्रेस भवन के निकट अर्धनिर्मित आदिवासी विकास परिषद का भवन का निर्माण कार्य अब लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है।
रहवासियों के अनुसार विगत 3 वर्षों में इस स्थान पर नींव खोद कर केवल कालम खड़ा कर छोड़ दिया गया है। यह जगह सड़क से लगभग 20 फिट गहरी बताई जा रही है जहां इस वक्त पानी और जमा हुआ है।जिससे यह स्थान यहां के रहवासियों के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है।
दरअसल इस जगह में पानी भरा होने के कारण सदैव दुर्घटना की आशंका बनी रहती है,क्योंकि इस स्थान पर हमेशा 10 से 12 फीट पानी जमा होता है ऐसे में यदि कोई व्यक्ति या कोई पशु इसमें गिर जाता है तो उसकी मृत्यु निश्चित है। वहीं लंबे समय तक जमा पानी की वजह से इलाके में वेक्टर जनित रोगों का खतरा भी लगातार बने रहता है।
स्थानीय लोगों ने इस कार्य के निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी विभाग को इस गड्ढे को पाटने के लिए कहा। परंतु विभाग ने फंड की कमी का हवाला देते हुए कार्य करने से मना कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आदिवासी भवन हेतु तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 45 लाख रुपए आवंटित किए गए थे, किंतु 45 लाख रुपए की राशि केवल कालम खड़ा करने में ही खर्च कर दी गई है, यहां तक की कालम खड़ा करने के दौरान खोदे गए गड्ढों को भी अब तक नहीं पाटा गया है।
रहवासियों में इस मामले में नगर निगम को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि खाने को नगर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है पर नगर के सबसे प्रमुख स्थल पर वर्षों से जमी इस गंदगी पर निगम का कोई ध्यान नहीं है।
इस स्थान पर यदि कोई गंभीर दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार केवल नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग होगा इसके अलावा नगर की जनप्रतिनिधियों की अपेक्षा भी इसकी जिम्मेदार होगी।
मामले में महापौर संजय पांडे ने प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि इस विषय में उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से चर्चा की है, विभागों के बीच समन्वय नहीं होने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी के इन्हें जानकारी दी है कि इस भवन के पुनर्निर्माण के लिए 3 करोड़ 77 लाख का बजट स्वीकृत किया गया है।
महापौर संजय पांडे ने कहा कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिए हैं कि उक्त गड्ढे को शीघ्र ही पाटा जाए, उन्होंने आश्वासन दिया है शीघ्र ही उस गड्ढे को पाट दिया जायेगा।