रूस के हमले से टूटा यूक्रेन का कखोवका बांध, चारों ओर तबाही का मंजर, डरा देगा धमाके का Video

रूस और यूक्रेन के बीच जंग खतरनाक मोड़ ले रही है। रूस ने यूक्रेन के कखोवका बांधी पर बड़ा हमला किया था। इस हमले के बाद अब चारों ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है। ब्लास्ट कितना खतरनाक था, इसका अंदाजा इस डरावने वीडियो से लगाया जा सकता है। बांध के टूटने के बाद से ही आसपास के इलाकों में दहशत पसर गई है। बांध टूटने के बाद पानी बढ़ता ही जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बांधी के आसपास के 80 गांव पूरी तरह पानी में बह गए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को पहले से ही अंदेशा था कि रूस इस तरह की हरकत कर सकता है। रूस ने किया भी वही, यूक्रेन के कखोवका बांध पर अटैक कर दिया ओर ब्लास्ट से उसे ध्वस्त कर दिया। इसके बाद तबाही का मंजर फैल गया है।
The moment that the Nova Kakhovka dam was blown up
pic.twitter.com/KxNMm8frTg— Antonio Sabato Jr (@AntonioSabatoJr) June 6, 2023
नीपर नदी पर बना था बांध, खेरसान शहर पर आ सकती है विपदा
जेलेंस्की ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे रूस की आतंकी घटना करार दिया है। उधर, बाढ़ से घिरे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जोरों पर जारी है। नीपर नदी पर बने इस बांध के टूटने की वजह से 4.8 अरब गैलन पानी खेरसॉन शहर की तरफ बढ़ चुका है। अक्टूबर 2022 में जेलेंस्की ने भी अपना डर जाहिर किया था कि रूस इस बांध में ब्लास्ट कर सकता है।
ब्लास्ट के बाद चंद सेकंड्स में फैली तबाही
इस बांध के ब्लास्ट के वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे जोरदार ब्लास्ट होता है और पानी टूटे बांधी से पानी बहने लगता है। बांध के करीब स्थित 80 बस्तियों में बाढ़ की स्थिति है। हर घंटे 8 इंच पानी बढ़ रहा है। यूक्रेन बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से करीब 17,000 लोगों को निकालने की तैयारी कर रहा है। बांध में विस्फोट से कुछ लोगों की मौत हो गई है तो कई घायल हैं। बचावकर्मियों को काफी मशक्कत करना पड़ रही है। नीपर नदी पर वेस्ट बैंक में का काम करने वाले एक बचावकर्ता ने कहा कि कोई नहीं जानता है पानी कब रुकेगा।
रूस कर सकता है फायरिंग
हजारों शरणार्थियों को ओडेसा और मायकोलाइव ले जाने के लिए ट्रेनों और बसों का प्रयोग हो रहा है। इस बात की भी आशंका है कि बचाव अभियान जारी रहने के दौरान ही रूस की तरफ से फिर से फायरिंग शुरू हो सकती है। सबसे बड़ी चिंता उन खदानों की है जो जमीन के अंदर छिपी हुई हैं। इनमें संभावित रूप से विस्फोट हो सकता है। रूस के इस कृत्य के लिए लोगों में डर के साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुनि के खिलाफ काफी आक्रोश है।